Jharkhand

प्रशिक्षण संस्थान में वेबीनार का आयोजन

फोटो  बेबीनार में शामिल अधिकारी एवं किसान

लाेहरदगा, 01 मार्च (Udaipur Kiran) । लोहरदगा के आरसेटी कार्यालय में शनिवार काे बजट 2025-26 घोषणाओं के कार्यान्वयन पर चर्चा करने के लिए कृषि और ग्रामीण समृद्धि पर बजट के बाद वेबिनार आयोजित किया गया।

उद्घाटन भाषण प्रधान मंत्री के जरिये दिया गया और कृषि और किसान कल्याण विभाग के विभिन्न विभागों के सचिवों की अध्यक्षता में किया गया।

इस वेबिनार का सीधा प्रसारण ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान लोहरदगा में किया गया। प्रतिभागियों में बैंको के प्रतिनिधि, अग्रणी जिला प्रबंधक, निदेशक, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, डीडीएम नाबार्ड और लोहरदगा जिले के किसान शामिल थे। आर्थिक सर्वेक्षण 2024 में भी बताया गया है कि 31 मार्च 2024 तक 7.75 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड केसीसी खाते हैं। अल्पकालिक ऋण जरूरतों को पूरा करके केसीसी योजना ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केसीसी-संशोधित ब्याज अनुदान योजना किसानों को चार प्रतिशत की प्रभावी रियायती ब्याज दर पर ऋण दे रही है।

किफायती ऋण तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने जमानत-मुक्त ऋण को 1.6 लाख से बढ़ाकर दाे लाख कर दिया है। एक बड़े कदम के रूप में केंद्रीय बजट 2025-26 ने संशोधित ब्याज सहायता योजना के तहत ऋण सीमा को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया है। इस कदम से छोटे और सीमांत किसानों पर वित्तीय तनाव कम होने के साथ-साथ कृषि में अधिक निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इससे फसल उत्पादन, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए किसानों की बढ़ी हुई कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने में काफी मदद मिलेगी।सरकार ने पिछले दशकों में एमआईएस के माध्यम से किसानों को 1.44 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। इन पहलों के माध्यम से सरकार का लक्ष्य 2023-24 में कृषि अल्पकालिक ऋण को 9.81 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2029-30 तक 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना है। इन उपायों के ज़रिए सरकार न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण की सुलभता बढ़ा रही है, बल्कि किसानों को वित्तीय स्वतंत्रता भी दे रही है। जैसे-जैसे यह पहल पूरे देश में लागू होगी, इसमें भारत में कृषि ऋण को फिर से परिभाषित करने की क्षमता है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि समय पर और किफ़ायती ऋण उन लोगों तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। मौके पर बडी संख्या में लोग मौजूद थे।

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(Udaipur Kiran) / गोपी कृष्ण कुँवर

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