लखनऊ, 31 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को राजभवन परिसर में ‘मियावाकी वन‘ का उद्घाटन किया। राज्यपाल के साथ राजभवन के अधिकारीगण, कर्मचारियों, अध्यासितगण, राजभवन उच्च प्राथमिक विद्यालय व उम्मीद संस्था के बच्चे मौजूद थे। इस कार्यक्रम में सामूहिक प्रतिभाग कर कुल 22 प्रजातियों के 4750 पौधों का रोपण किया गया।
राज्यपाल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मानव जीवन ऑक्सीजन से ही चलता है। अतः ऑक्सीजन प्रदायी पेड़ पौधों की जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कुदरत हमें बहुत कुछ देना चाहती है, जरूरत है उसे एक्सप्लोर करने की। हमें सभी जगहों से अच्छी चीजें आत्मसात कर उसे क्रियान्वित करना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि रोपित पेड़-पौधों की परवरिश भी हमें ही करनी चाहिए। पर्यावरण के प्रति हमें प्रेम दिखाना चाहिए। सुंदर प्रकृति का नज़ारा सभी की आंखों को अच्छा लगता है। अतः हरियाली, बारिश, आदि के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल में ऋषि मुनियों की साधना प्रकृति के सानिध्य में पेड़ पौधों के बीच में ही होती थी, अतः प्रकृति और वृक्षारोपण के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए।
राजभवन परिसर में जापान की मियावाकी पद्धति से वनारोपण किया गया। इस पद्धति में प्रत्येक वर्ग मीटर में वृक्ष, हर्ब, झाड़ी, उप झाड़ी प्रजाति के पौधों को समूहबद्ध कर उगाया जाता है। आज रोपित पौधों में मुख्य रूप से नीम, अर्जुन, कंजी, अमरूद, आँवला, शीशम, सहजन, सप्तपर्ण, गुलमोहर, आम, कचनार, जामुन, जट्रोफा, लेमन ग्रास आदि शामिल है।
(Udaipur Kiran) / दीपक वरुण