Uttar Pradesh

हम अपनी सफलता को दूसरों के पैमाने पर न तोलें: प्रो. सुधीर कुमार जैन

बीएचयू कुलपति महिला महाविद्यालय की नवप्रवेशी छात्राओं से संवाद करते हुए

बीएचयू कुलपति ने महिला महाविद्यालय की नवप्रवेशी छात्राओं से किया संवाद, बढ़ाया उत्साह

वाराणसी,14 नवम्बर (Udaipur Kiran) । काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा है कि विद्यार्थियों की आकांक्षाओं को पूरा करने तथा लक्ष्यों को हासिल करने में शैक्षणिक संस्थान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। छात्रों को सशक्त व सबल बनाने के लिए बीएचयू इस ज़िम्मेदारी को लेकर पूरी प्रतिबद्धता व गंभीरता के साथ आगे बढ़ रहा है।

प्रो. जैन गुरूवार शाम को परिसर स्थित महिला महाविद्यालय में नवप्रवेशी छात्राओं से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए तीन पहलु सबसे महत्पूर्ण हैं, शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होना, स्वस्थ व सकारात्मक संबंध विकसित करना तथा करियर में आगे बढ़ना। उन्होंने कहा कि सफलता के सभी के लिए अलग अलग मायने हो सकते हैं, लेकिन ज़रूरी यह है कि हम अपनी सफलता को दूसरों के पैमाने पर न तोलें। बीएचयू के महिला महाविद्यालय में देश के विभिन्न हिस्सों से छात्राएं शिक्षा अर्जन के लिए प्रवेश लेती हैं। कुलपति ने छात्राओं का आह्वान किया कि वे पूर्ण आत्मविश्वास के साथ अपने जीवन के फैसले लेना सीखें और गलतियों से न घबराएं। उन्होंने कहा कि हम गलतियों से ही सीखते हैं औऱ अंततः महत्वपूर्ण क़दम उठाने हेतु आत्मविश्वास विकसित करते हैं।

प्रो. जैन ने छात्राओं से उनके जीवन के उद्देश्यों के बारे में पूछा। उन्होंने छात्राओं को बताया कि किसी क्षेत्र विशेष में ऊंचाईयां हासिल करने के लिए हमें सिर्फ उस विषय से संबंधित जानकारी प्राप्त करने तक ही खुद को सीमित नहीं रखना है, बल्कि अपने व्यक्तित्व में उन खूबियों को विकसित करना है, जिनसे हम एक कुशल पेशेवर होने के साथ साथ अपने व्यक्तित्व के लिए भी जाने जाएं। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए सही मार्ग पर चलना और सही तरीके अपनाना बहुत ज़रूरी है। कई बार ऐसा भी हो सकता है कि हमारे सामने सही काम के लिए गलत निर्णय लेने की स्थिति उत्पन्न हो जाए। लेकिन हमें दृढ़ता के साथ यह तय करना होगा कि कुछ भी हो हम अनुचित मार्ग की ओर नहीं बढ़ें। ऐसा करने के लिए नैतिक बल व हिम्मत की आवश्यकता होती है, जो हमारे दृढ़ निश्चय व आदर्शों के लिए प्रतिबद्धता से आता है। इसके पहले महिला महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रीता सिंह ने स्वागत संबोधन दिया। कार्यक्रम में महाविद्यालय की एक छात्रा द्वारा लिखित पुस्तक कुलपति प्रो. जैन को भेंट की गई।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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