Uttar Pradesh

हमें अपने गौरवशाली इतिहास को संजोने की जरूरत: कुलपति

इतिहास विभाग के विकास के लिए वचनबद्ध : डॉ.बालमुकुंद पाण्डेय*
इतिहास विभाग के विकास के लिए वचनबद्ध : डॉ.बालमुकुंद पाण्डेय*
इतिहास विभाग के विकास के लिए वचनबद्ध : डॉ.बालमुकुंद पाण्डेय*
इतिहास विभाग के विकास के लिए वचनबद्ध : डॉ.बालमुकुंद पाण्डेय*

गोरखपुर, 5 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग द्वारा हीरक जयंती वर्ष पर ‘पुरातन छात्र सम्मेलन’ का भव्य आयोजन संपन्न हुआ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि हमारे पुरातन छात्र हमारी विरासत है। इस विरासत को समझने का ही उपक्रम है पुरातन छात्र सम्मेलन। हीरक जयंती वर्ष में पुरातन छात्र सम्मेलन की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है। हीरक जयंती वर्ष हमारे सुनहरे इतिहास का गवाह है। मध्यकालीन इतिहास विभाग का यह आयोजन निश्चय ही विभाग के संवर्धन एवं विकास में मिल का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने गौरवशाली इतिहास को समझने की जरूरत है।

इतिहास विभाग के पुरातन छात्र एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. बालमुकुंद पांडेय अपने छात्र जीवन को याद करते हुए भाव विभोर हो गए। उन्होंने अपनी गुरुओं की स्मृति को प्रणाम किया और कहा कि मैं इतिहास विभाग के बहुआयामी विकास के लिए वचनबद्ध हूं। इतिहास विभाग मेरा अपना परिवार है, यह जब भी मेरी जरूरत महसूस करेगा मैं सहयोग के लिए हाजिर रहूंगा। मैंने कहा कि इतिहास विभाग को समृद्ध करने हेतु देश दुनिया से संसाधन जुटाने में हर संभव प्रयास करूंगा।

इतिहास विभाग के दूसरे पुरातन छात्र एवं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. चंद्र प्रकाश त्रिपाठी ने अपनी स्मृतियों को साझा किया और कहा कि मेरे जीवन की सुंदरतम थाती में से एक गोरखपुर विश्वविद्यालय और उसका इतिहास विभाग है। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे जब भी इतिहास विभाग बुलाएगा मैं आऊंगा और सहयोग करूंगा। बुलावा नहीं भी होगा तो भी जब गोरखपुर आऊंगा, तो इतिहास विभाग आऊंगा और मुझसे जो बन पड़ेगा विभाग के लिए करूंगा।

इस अवसर पर इतिहास विभाग के विद्यार्थियों द्वारा लगभग 200 से अधिक पोस्टर्स की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसका उद्घाटन कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने किया। यह प्रदर्शनी गोरखपुर और गोरखपुर विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास पर केंद्रित रही।

इतिहास विभाग द्वारा पुरातन छात्र परिषद का भी गठन किया गया, जो आगामी वर्षों में निरंतर पुरातन छात्र सम्मेलन को आयोजित करता रहेगा। इतिहास विभाग ने इस नवगठित परिषद के संविधान का भी निर्माण किया है, जिसका विमोचन कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन की अध्यक्षता में समारोहपूर्वक संपन्न हुआ।

इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मनोज कुमार तिवारी ने सभी पुरातन छात्रों का अभिनन्दन करते हुए उनसे विभाग से जुड़े रहने की अपील की। विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर हिमांशु चतुर्वेदी ने पुरातन छात्र परिषद की महत्ता पर चर्चा की। प्रोफेसर चतुर्वेदी ने पुरातन छात्र परिषद के संविधान की नियमावली को बताते हुए उसकी उपयोगिता पर बात की।

वरिष्ठ प्रोफेसर प्रोफेसर निधि चतुर्वेदी द्वारा आभार ज्ञापन के साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ। इस दौरान कार्यक्रम में डॉ. श्वेता, डॉ. सुनीता, डॉ. आशीष कुमार सिंह समेत बड़ी संख्या में शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय

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