झुंझुनू, 5 नवंबर (Udaipur Kiran) । झुंझुनू से कांग्रेस सांसद बृजेंद्र ओला ने कहा कि उनका परिवार विधानसभा उप चुनाव नहीं लड़ना चाहता था। लेकिन पार्टी ने उनकी बात नहीं मानी और टिकट दे दी। पार्टी ने कहा कि किसी दूसरे व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया तो जमानत जब्त हो जाएगी। ओला ने कहा कि वे लोकसभा का चुनाव भी नहीं लड़ना चाहते थे। मैंने पार्टी से कहा था कि विधायक ही ठीक हूं। लेकिन पार्टी नहीं मानी और मुझे टिकट देकर भेज दिया। दरअसल कांग्रेस ने उपचुनाव में झुंझुनू सीट से बृजेंद्र ओला के बेटे अमित ओला को प्रत्याशी बनाया है। बृजेंद्र ओला ने अपने बेटे के समर्थन में जनसंपर्क के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही थी।
बृजेंद्र ओला ने कहा कि लोकसभा चुनाव में तो जनता ने आशीर्वाद देकर मुझे दिल्ली भेज दिया। उस समय दिल्ली में बैठी सरकार 400 पार का नारा दे रही थी और बडे़-बडे़ नेताओं ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। यहां तक कि कांग्रेस के लोगों ने भी टिकट वापस लौटा दी थी। लेकिन मैंने उस परिस्थिति में चुनाव लड़ा और जनता के आशीर्वाद से लाकसभा चुनाव जीतकर दिल्ली गया। उन्होने कहा यही परिस्थिति विधानसभा उपचुनाव में थी। मैंने पार्टी को उपचुनाव लड़ने के लिए मना कर दिया था। पार्टी से कहा था कि किसी और को उम्मीदवार बना लो। लेकिन पार्टी ने कहा कि किसी दूसरे को प्रत्याशी बनाया तो जमानत जब्त हो जाएगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह साधारण चुनाव नहीं है सरकार खुद चुनाव लड़ रही है।
इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार हर तरह के हथकंडे अपना रही है। आम आदमी और सरकारी कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है। लेकिन इनको पता नहीं कि झुंझुनू वाले कितने बहादुर हैं वे किसी से नहीं डरते। सांसद ओला ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा उपचुनाव में सरकार हर तरह के हथकंडे अपना रही है। आम आदमी और सरकारी कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है। सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है। लेकिन इनको पता नहीं कि झुंझुनू वाले कितने बहादुर हैं। ये लोग ज्यादा पैसे वाले नहीं, मेहनत करके पैसे कमाते हैं, इनका सरकार क्या बिगाड़ लेगी, जो बिगाड़ना था वो बिगाड़ लिया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने निःशुल्क दवा योजना को डायवर्ट कर दिया। इलाज के लिए पहले सरकार 25 लाख रुपए देती थी उसे 5 लाख कर दिया। हमारी सरकार ने सामाजिक पेंशन योजना में हर साल 15 प्रतिशत बढ़ोतरी का कानून पास किया था उसको भी लागू नहीं किया। बिजली पर जो सब्सिडी थी उसे भी नए तरीके अपनाकर वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन वो कुछ भी कर लें यहां के लोग भाजपा वालों को माकूल जवाब देंगे।
ओला परिवार का झंुझुनू जिले की राजनीति में पिछले सात दशक से प्रभाव बना हुआ है। सांसद बनने से पूर्व बृजेंद्र सिंह ओला झुंझुनू से लगातार चार बार विधायक, दो बार झुंझुनू के जिला प्रमुख, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व गहलोत सरकार में दो बार राज्य मंत्री रह चुके हैं। उनकी पत्नी राजबाला ओला झुंझुनू की जिला प्रमुख रही है तथा 2014 में उन्होंने लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। बृजेंद्र ओला के पिता शीशराम ओला राजस्थान में कांग्रेस के कद्दावर नेता थे। वह आठ बार विधायक पांच बार सांसद रहने के साथ ही केंद्र व राज्य सरकार में कई बार कैबिनेट मंत्री रहे थे। बृजेंद्र ओला के पुत्रवधू आकांक्षा ओला महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव है तथा दिल्ली में कांग्रेस टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी है। अब झुंझुनू विधानसभा उपचुनाव में उनके पुत्र अमित ओला कांग्रेस उम्मीदवार है। जो ओला परिवार के पांचवे सदस्य है जिन्हे कांग्रेस ने चुनाव मैदान में उतारा है।
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(Udaipur Kiran) / रमेश