
कोलकाता, 18 जनवरी (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती घोटाले को लेकर शिक्षा विभाग मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे 17 शिक्षकों को पुलिस ने समन जारी किया है। इन शिक्षकों को 21 मई को सुबह 11 बजे कोलकाता स्थित बिधाननगर उत्तर थाना में पेश होने का आदेश दिया गया है।
पुलिस का आरोप है कि इन शिक्षकों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और राज्य सरकार के कर्मचारियों को उनके कर्तव्यों का पालन करने से रोका। बिधाननगर पुलिस आयुक्तालय के तहत दर्ज इस स्वतः संज्ञान मामले में कहा गया है कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर हमला भी किया गया।
जिन शिक्षकों को समन भेजा गया है, उनमें कई ऐसे हैं जो पुलिस की कथित कार्रवाई में घायल हुए थे। समन में साफ चेतावनी दी गई है कि यदि शिक्षक पुलिस के सामने पेश नहीं होते, तो उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तारी की जा सकती है।
उधर, कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक अधिवक्ता ने प्रदर्शनकारी शिक्षकों पर हुए बेरहम और उकसावे के बिना लाठीचार्ज के मामले में उच्च न्यायालय से स्वतः संज्ञान लेने की अपील की है। प्रदर्शनकारी शिक्षक मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार और डब्ल्यूबीएसएससी यह स्पष्ट करे कि किन अभ्यर्थियों ने रिश्वत देकर नियुक्ति पाई और कौन से अभ्यर्थी निष्कलंक हैं।
इस मुद्दे को लेकर पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने पहले ही घोषणा कर दी है कि भारतीय जनता पार्टी की विधायी टीम नौ जून से शुरू हो रहे मानसून सत्र में इस मसले को जोर-शोर से उठाएगी।
गौरतलब है कि तीन अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय की उस डिवीजन बेंच के फैसले को बरकरार रखा था, जिसमें 25 हजार 753 स्कूल नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया था कि राज्य सरकार और आयोग निष्कलंक और घोटाले में शामिल अभ्यर्थियों के बीच स्पष्ट विभाजन करने में विफल रहे, इसलिए पूरी सूची को रद्द करना पड़ा।
राज्य सरकार और डब्ल्यूबीएसएससी ने इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर रखी है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
