अजमेर, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । पेजयल क्रांति का साक्षी बनने जा रहा है। राज्य सरकार की सबसे महत्वपूर्ण ईआरसीपी योजना से अजमेर को जोड़ा जायेगा। चम्बल नदी का पानी बीसलपुर होते हुए मुहामी के मोर तालाब तक लाया जाएगा। यहां 2 साल तक का पानी जमा होगा। 270 करोड रुपए की पेयजल योजना के तहत अजमेर में कोटड़ा, वैशाली नगर और लोहागल में 80 एमएलडी क्षमता के 3 स्टोरेज टैंक बनेेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने रविवार काे सर्वप्रथम मुहामी गांव में स्थित मोर सागर का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि ईआरसीपी योजना के तहत चम्बल नदी का पानी बीसलपुर तक लाया जाएगा। वहां से यह पानी मुहामीं गांव में स्थित मोर सागर तालाब तक लाया जाएगा। उन्हाेंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मोर सागर तालाब में 2 साल का पानी जमा करने की क्षमता विकसित की जाए। इसके लिए अगर भूमि का अधिग्रहण किया जाना हो तो उसके प्रस्ताव भी तैयार किए जाएं। अधिकारी प्रोएक्टिव होकर प्रस्ताव तैयार करें। इन प्रस्तावों को जल संसाधन मंत्री एवं उच्च अधिकारियों के जरिए सरकार तक पहुंचाया जाए ताकि अजमेर में भी जल्द काम शुरू हो सके।
अधिकारियों ने बताया कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना में राजस्थान के 13 जिलों को पेयजल व सिंचाई हेतु जल की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। यह योजना राजस्थान सरकार व मध्यप्रदेश सरकार के अन्तर्गत अन्तर्राज्यीय संधि होने से चम्बल नदी बेसिन, कालीसिन्ध नदी सबबेसिन व पार्वती नदी सबबेसिन के अधिशेष जल को तीन बैराज हनोटिया बैराज, रामगढ बैराज एवं महालपुर बैराज बनाकर पानी को डाईवर्ट किया जाएगां। जिससे इस अतिरिक्त पानी से नवनेरा बैराज कोटा होते हुए बीसलपुर डैम व ईसरदा डैम को भरते हुए टोंक जिले के लाम्बाहरिसिंह होते हुए अजमेर के मोर सागर मुहामी तक लाया जाएगा। बांध की क्षमता बढाकर अजमेर की पेयजल आवश्यकता की भविष्य में इससे पूर्ति किया जाना संभव होगा एवं उपलब्धता एवं आवश्यकतानुसार अजमेर के अन्य जलाशयों में जल उपलब्ध करवाना संभव होगा। वर्तमान में इस तालाब के जीर्णाेद्वार व मरम्मत का कार्य करवाया जा रहा है। बांध का सुदृढ़ीकरण वेस्टवीयर की मरम्मत व फेसवाल का कार्य भी करवाया जा रहा है। इससे तालाब की मजबूती व स्थिरता बढ़ाई जा सकेगी।
270 करोड़ की पेयजल परियोजना, अजमेर में बनेंगे तीन बड़े टैंक
देवनानी ने बताया कि राज्य सरकार ने 270 करोड़ रूपए की वृहद पेयजल परियोजना स्वीकृत की है । इस योजना के तहत अजमेर में नसीराबाद से नौसर तक पाईप लाईन डाली जाएगी। यानि अब नौसर तक का क्षेत्र अन्तिम छोर नहीं बल्कि आरम्भ क्षेत्र होगा। यहां बनने वाले सर्विस रिजर्वायर से शहर में जलापूर्ति होगी। पूरे शहर में पूरे प्रेशर से और पर्याप्त जलापूत्ति होगी। इसी तरह वैशाली नगर और लोहागल में भी बड़ी पानी की टंकियां बनेगी। इन इलाकों में भी पूरे प्रेशर से पानी आएगा। श्री देवनानी ने कोटड़ा सर्विस रिजर्वायर का स्थान देखा और आवश्यक निर्देश दिए।
देवनानी ने जिला कलक्टर के साथ माकड़वाली ग्राम पंचायत क्षेत्र में आयुर्वेद विश्वविद्यालय का चिंहित स्थान भी देखा। यहां 80 बीघा जमीन विश्वविद्यालय के लिए चिंहित की गई है। यहां आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विश्वविद्यालय बनेगा। शीघ्र इसका नोटिफिकेशन जारी होगा।
(Udaipur Kiran) / इंदु