Uttrakhand

बलियानाला भूस्खलन क्षेत्र के जल भंडार का होगा उपयोग, 50 लाख जारी

भूस्खलन प्रभावित नैनीताल का आधार बलियानाला क्षेत्र।

नैनीताल, 22 जनवरी (Udaipur Kiran) । नैनीताल नगर के बलियानाला क्षेत्र में भूस्खलन के जल रिसाव कारण मौजूद भू-जल के भंडार का सदुपयोग पेयजल के रूप में करने की तैयारी है। भूस्खलन उपचार की कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग ने बलियानाला प्रोजेक्ट के तहत जल संस्थान को राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के पास में बोरिंग के लिए 50 लाख रुपये की पहली किश्त जारी कर दी है।

इससे जल संस्थान बोरिंग करके भू-जल का उपयोग क्षेत्र में पेजयल आपूर्ति के लिए करेगा। इससे बलियानाला भूस्खलन को प्राकृतिक रूप से रुकने में भी मदद मिल सकती है। उल्लेखनीय है कि नगर के आधार बलियानाला में कई दशकों से हो रहे भूस्खलन का एक बड़ा कारण यहां पहाड़ के तीक्ष्ण ढलान के साथ ही भूजल का बड़ा भंडार होना भी है। अब भूजल का उपयोग तल्लीताल में पेयजल आपूर्ति के लिए करने के लिये जीजीआईसी में 2.1 करोड़ रुपये की लागत से बोरिंग का कार्य होना है, जिसकी पहली किस्त जारी होने के बाद अब जल संस्थान ने निविदा की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता रमेश गर्ब्याल के अनुसार निविदा जारी होने के बाद चार महीनों के भीतर बोरिंग का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

नैनीताल शहर की सीवर की लाइनों को दुरुस्त करने की योजना

नैनीताल शहर में सीवर की लाइनें पुरानी हो चुकी हैं। इस कारण नगर में जगह-जगह सीवर लाइनें उफनती हैं और गंदगी नैनी झील में समाती है। जल संस्थान पूर्व में भी इन्हें ठीक करने के लिये प्रस्ताव दे चुका है, जो कि स्वीकृत नहीं हुए। अब जल संस्थान ने पुनः सीवन लाइनों के क्षतिग्रस्त चैंबरों व लाइनों के उपचार के लिये 82 लाख रुपये का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। दूसरी ओर जल निगम ने सीवर लाइनों की वर्तमान जरूरतों के अनुसार क्षमता विस्तार के लिये 109 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा था। बताया गया है कि इसमें से 35 करोड़ करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं और जल निगम से टुकड़ों-टुकड़ों में सीवर लाइनों का क्षमता विस्तार करने को कहा गया है।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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