HimachalPradesh

तेज बारिश और आंधी से सिरमौर में किसानों की मेहनत पर फिरा पानी, लहसुन की फसल बर्बाद

नाहन, 14 मई (Udaipur Kiran) । देशभर के कई हिस्सों की तरह हिमाचल प्रदेश में भी मौसम ने अचानक करवट ले ली है। इसी कड़ी में हाल ही में हुए वर्षा व ओला वृष्टि से सिरमौर जिले के हरिपुरधार और नोहरा धार क्षेत्र में तेज आंधी, ओलावृष्टि और भारी बारिश ने किसानों की महीनों की मेहनत पर पानी फेर दिया है।

इन इलाकों में खेतों में कटी हुई लहसुन की फसल बारिश और हवाओं की चपेट में आकर बर्बाद हो गई।

किसानों ने बताया कि उन्होंने इस बार लहसुन की खेती से अच्छी आमदनी की उम्मीद लगाई थी, लेकिन मौसम की मार ने उनके सपनों को तोड़ दिया।

ग्रामीणों का कहना है कि लहसुन की फसल खेतों में तैयार थी और अधिकतर जगहों पर कटाई हो चुकी थी। तेज हवाओं और बारिश के चलते लहसुन गलने लगा है और उसकी गुणवत्ता खराब हो रही है। किसानों को अब इसे बेचने में भारी घाटा हो सकता है।

स्थानीय किसान चेत राम ने बताया कि उन्होंने इस बार बड़ी मात्रा में लहसुन का बीज खरीदकर खेती की थी, लेकिन अब फसल के दाम 3 से 5 हजार रुपए प्रति क्विंटल ही मिल रहे हैं, जिससे लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है। किसानों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि उन्हें राहत प्रदान कीजाए और नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि वे अगली फसल के लिए फिर से तैयार हो सकें।

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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर

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तेज बारिश और आंधी से सिरमौर में किसानों की मेहनत पर फिरा पानी, लहसुन की फसल बर्बाद

नाहन, 14 मई (Udaipur Kiran) । देशभर के कई हिस्सों की तरह हिमाचल प्रदेश में भी मौसम ने अचानक करवट ले ली है। इसी कड़ी में हाल ही में हुए वर्षा व ओला वृष्टि से सिरमौर जिले के हरिपुरधार और नोहरा धार क्षेत्र में तेज आंधी, ओलावृष्टि और भारी बारिश ने किसानों की महीनों की मेहनत पर पानी फेर दिया है।

इन इलाकों में खेतों में कटी हुई लहसुन की फसल बारिश और हवाओं की चपेट में आकर बर्बाद हो गई।

किसानों ने बताया कि उन्होंने इस बार लहसुन की खेती से अच्छी आमदनी की उम्मीद लगाई थी, लेकिन मौसम की मार ने उनके सपनों को तोड़ दिया।

ग्रामीणों का कहना है कि लहसुन की फसल खेतों में तैयार थी और अधिकतर जगहों पर कटाई हो चुकी थी। तेज हवाओं और बारिश के चलते लहसुन गलने लगा है और उसकी गुणवत्ता खराब हो रही है। किसानों को अब इसे बेचने में भारी घाटा हो सकता है।

स्थानीय किसान चेत राम ने बताया कि उन्होंने इस बार बड़ी मात्रा में लहसुन का बीज खरीदकर खेती की थी, लेकिन अब फसल के दाम 3 से 5 हजार रुपए प्रति क्विंटल ही मिल रहे हैं, जिससे लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है। किसानों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि उन्हें राहत प्रदान कीजाए और नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि वे अगली फसल के लिए फिर से तैयार हो सकें।

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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर

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