Uttar Pradesh

मां विन्ध्यवासिनी मंदिर की आरती समय परिवर्तन पर विवाद, हाईकोर्ट जाने की चेतावनी

मां विंध्यवासिनी।

मीरजापुर, 31 जनवरी (Udaipur Kiran) । मां विन्ध्यवासिनी मंदिर में संध्या और बड़ी रात्रि आरती के समय परिवर्तन को लेकर शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पंडा समाज विन्ध्याचल के पदाधिकारियों ने दर्शनार्थियों की सुविधा का हवाला देते हुए आरती के समय में बदलाव का प्रस्ताव रखा, लेकिन श्रृंगारिया पुजारियों ने इसका कड़ा विरोध जताया।

बैठक में पंडा समाज ने संध्या आरती का समय शाम 6:30 से 7:30 बजे और बड़ी रात्रि आरती का समय रात 11:30 से 12:30 बजे करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद मां विन्ध्यवासिनी का शयन लगाकर मंदिर के कपाट बंद करने की बात कही गई।

बैठक नगर के एक निजी प्रतिष्ठान में हुई, जिसमें नगर विधायक रत्नाकर मिश्र, अपर जिलाधिकारी शिवप्रताप शुक्ल, पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन ओम प्रकाश सिंह, पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी, मंत्री भानू पाठक, मंदिर व्यवस्था प्रमुख गुंजन मिश्रा, कोषाध्यक्ष तेजन गिरी, श्रृंगारिया शिवजी मिश्र और शेखर शरण उपाध्याय समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

श्रृंगारिया पुजारियों का विरोध, हाईकोर्ट जाने की चेतावनी

श्रृंगारिया शिवजी मिश्र ने इस प्रस्ताव को पूरी तरह अस्वीकार कर दिया और कहा कि भारत के किसी भी धार्मिक स्थल पर रात 12 बजे के बाद श्रृंगार पूजन का विधान नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग व्यक्तिगत आक्रोश के कारण यह निर्णय थोपने का प्रयास कर रहे हैं, जो उन्हें स्वीकार नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह प्रस्ताव लागू किया गया तो वे हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे।

श्रृंगारिया शेखर शरण उपाध्याय ने भी कहा कि सिर्फ पंडा समाज के अध्यक्ष के कह देने से कोई व्यवस्था लागू नहीं हो सकती। किसी भी निर्णय को समाज की आमसभा में पारित किया जाना आवश्यक है।

जिला प्रशासन का बयान

अपर जिलाधिकारी शिवप्रताप शुक्ला ने स्पष्ट किया कि समाज के आंतरिक मामलों में जिला प्रशासन हस्तक्षेप नहीं करेगा। प्रशासन केवल उस निर्णय में सहयोग करेगा, जो सर्वसम्मति से लिया जाएगा।

पंडा समाज की कार्यकारिणी बैठक बुलाने की तैयारी

पंडा समाज के अध्यक्ष और मंत्री ने कहा कि जल्द ही कार्यकारिणी बैठक बुलाकर इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दर्शनार्थियों और मंदिर के हित को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लिया जाएगा और निर्णय के बाद श्रृंगारिया पुजारियों और जिला प्रशासन को लिखित सूचना दी जाएगी।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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