
शिमला, 26 अप्रैल (Udaipur Kiran) । प्रारंभिक और उच्च शिक्षा निदेशालय के विलय के फैसले के विरोध में शनिवार को चौड़ा मैदान शिमला में प्राथमिक शिक्षक संघ हिमाचल प्रदेश के बैनर तले भारी संख्या में प्राथमिक शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। संघ के आह्वान पर पदेश भर से शिक्षक प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंचे। शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को लेकर कोई ठोस वार्ता नहीं हुई तो वे रविवार से शिक्षा निदेशालय के बाहर क्रमिक अनशन शुरू करेंगे और स्कूलों में ऑनलाइन कार्य पूरी तरह बंद कर देंगे।
प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा प्रारंभिक और उच्च शिक्षा निदेशालय का एकीकरण शिक्षा व्यवस्था के लिए घातक सिद्ध होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि धरने को विफल करने के लिए सरकार ने शिक्षकों पर दबाव बनाया, उन्हें नोटिस भेजे और छुट्टियों को निरस्त कर धरने में शामिल होने से रोका गया। बावजूद इसके शिक्षक अपने निर्णय पर अडिग रहे और बड़ी संख्या में चौड़ा मैदान में एकत्र हुए।
शर्मा ने कहा कि वर्ष 1984 से पहले जब शिक्षा का एक ही निदेशालय था तब प्रदेश में शिक्षा स्तर बेहद खराब था। बाद में दो अलग-अलग निदेशालय बनने से हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया। अब फिर से दोनों निदेशालयों को मिलाने का कदम उठाकर सरकार प्रदेश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार से इस मुद्दे पर कई बार संवाद किया गया लेकिन हर बार आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। अब जब सरकार ने एकतरफा फैसला लिया है तो शिक्षक सड़क पर उतरने को मजबूर हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि धरने का उद्देश्य शिक्षा को प्रभावित करना नहीं है। शिक्षक स्कूलों में पढ़ाई जारी रखे हुए हैं। हालांकि सरकार द्वारा 10 से कम बच्चों वाले स्कूलों में केवल एक अध्यापक रखने का निर्णय भी गलत है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों को स्वतः बंद करने की स्थिति उत्पन्न होगी, जिसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
