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भ्रष्टाचार खत्म करने व पारदर्शिता लाने के लिए है वक्फ संशाेधन बिल 2024: इंद्रेश कुमार

पत्रकारों से बातचीत करते डॉ. इन्द्रेश कुमार।

इंद्रेश कुमार ने वक्फ बोर्ड के किराएदारों व अन्य वर्गों की राय जानीवेलफेयर के बजाय माफिया का अड्‌डा बन गया वक्फ बोर्ड: इंद्रेश

हिसार, 11 दिसंबर (Udaipur Kiran) । आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संरक्षक डॉ. इंद्रेश कुमार ने कहा है कि वक्फ बोर्ड में व्यापक भ्रष्टाचार है, जिसके कारण कई वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे हो रहे हैं। मुस्लिम समुदाय में इस तरह की धारणा बन गई है कि वक्फ बोर्ड माफिया की तरह काम कर रहा है और यह भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है।

डॉ. इन्द्रेश कुमार बुधवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। डॉ. इंद्रेश कुमार यहां वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर प्रदेशभर से आए वक्फ बोर्ड के किराएदारों तथा समाज के अन्य वर्ग की राय जानने के लिए आए थे। वरिष्ठ प्रचारक डॉ. कुमार ने कहा कि आजादी के बाद वक्फ को लेकर कांग्रेस राज में तीन बार संशोधन हुए हैं। उन सबके कारण वक्फ आज वेलफेयर के बजाय माफिया का अड्‌डा बन गया है।उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन को लेकर आज विरोधी झूठ बोलकर भड़का रहे हैं कि सरकार संपत्तियों, कब्रिस्तानों की जमीनों पर कब्जा कर लेगी, जबकि बिल पारदर्शिता के लिए है ताकि वक्फ की संपत्ति और इनकम सभी के सामने आ सके। वक्फ संशोधन बिल को लेकर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) बनाई गई। जेपीसी देशभर में बैठक कर रही है और वक्फ संशोधन बिल को लेकर देश की जनता की सुझाव लेने का काम कर रही है। जेपीसी को अपनी रिपोर्ट सौंपने का फरवरी 2025 का समय दिया गया है। जेपीसी अपनी रिपोर्ट तय समय पर देती है या एक बार फिर उसका समय बढ़ाया जाएगा अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।

उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल 2024 के मुख्य तीन उद्देश्य है। पहला वक्फ बोर्ड की जिम्मेदारी तय करना और उसके काम में पारदर्शिता लाना, दूसरा यह सुनिश्चित करना कि वे समुदाय की बेहतरी के लिए काम करे और तीसरा गैर मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति के जरिए सामुदायिक सौहार्द्र को बढ़ावा देना है। डॉ. कुमार ने कहा कि इस देश में जमीन के मामले में किसी भी विवाद का फैसला काेर्ट करती है, लेकिन जब बात वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की आती है तो वक्फ बोर्ड ही ऐसी संपत्तियों का फैसला करती है। अगर वक्फ बोर्ड आपके खिलाफ फैसला दे देता है तो उसे ही अंतिम माना जाता है और ऐसे में कई संपत्तियों पर गलत ढंग से कब्जा किया जाता है।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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