
लखनऊ,17 जून (Udaipur Kiran) । वृक्षासन एक सरल लेकिन शक्तिशाली योग मुद्रा है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करती है। यह आसन शरीर के संतुलन में सुधार करने, मांसपेशियों को मजबूत करने और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है।
डा. राम मनोहर लोहिया संस्थान के योगाचार्य डा. ओम नारायण अवस्थी ने (Udaipur Kiran) को बताया कि वृक्षासन करने से तनाव और चिंता से राहत मिलती है। उन्होंने बताया कि आसन का अभ्यास प्रशिक्षित योगाचार्य के सानिध्य में ही शुरू करना चाहिए। खड़े होकर करने वाले सभी आसन सम स्थिति और बैठकर करने वाले सभी आसन समतल स्थिति में ही किये जाते हैं।
वृक्षासन करने के फायदे
यह आसन पैरों, जांघों और कूल्हों की मांसपेशियों को मजबूत करता है। एकाग्रता बढ़ाने में सहायक है। तनाव और चिंता कम करता है। रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है और वृक्षासन पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।
वृक्षासन करने की विधि
1. दाहिने पैर के पंजे को मोड़कर बायीं जांघ पर रखें।
2. दोनों हाथ बाजू में खोले।
3. दोनों हाथों की हथेली को पलटें।
4. श्वास लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और नमस्कार मुद्रा में जोड़ें। इस स्थिति में कुछ देर रूकें।
5. श्वास छोड़ते हुए हाथों को बाजू में लाएं
6. हथली को पलटें।
7. दोनों हाथ नीचे लायेंं।
8. पैर को जंघा से उतारकर नीचे रखें। यही क्रिया दूसरे पैर से भी करनी है।—————-
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
