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पिछले 30 वर्षों से चीन की जेल में बंद पंचेन लामा की रिहाई को उठेगी आवाज

पंचेन लामा।

धर्मशाला, 16 मई (Udaipur Kiran) । तिब्बती बौद्ध धर्म में दलाई लामा के बाद दूसरे सबसे बड़े आध्यात्मिक नेता पंचेन लामा के चीनी सरकार द्वारा अपहरण किए जाने की शनिवार को 30वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर शनिवार काे दोपहर बाद तीन बजे तिब्बती महिला एसोसिएशन सहित अन्य तीन तिब्बती संगठनों द्वारा मैक्लोडगंज में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान पंचेन लामा को चीन सरकार से रिहा करने के लिए विश्व भर से समर्थन को आवाज बुलंद की जाएगी।

गौरतलब है कि 11वें पंचेन लामा गेधुन चोएकी निएमा को धर्मगुरु दलाई लामा ने 14 मई 1995 को पंचेन लामा की मान्यता दी थी। लेकिन उसके तीन दिन बाद यानी 17 मई 1995 को महज छह वर्ष की उम्र में ही पंचेन लामा और उनके परिजनों को चीन सरकार ने अपहरण कर बंदी बना लिया था। तब से लेकर आज तक पंचेन लामा की कोई भी जानकारी सार्वजनिक नही की गई है।

गौर हो कि पंचेन लामा को बुद्ध के अमिताभ स्वरूप का अवतार माना जाता है। पंचेन लामा की परंपरा सदियों से चली आ रही है, जहां वे दलाई लामा के अगले पुनर्जन्म को पहचानने में भी भूमिका निभाते हैं।

पंचेन लामा तिब्बत के धार्मिक नेताओं में से एक हैं, जो ताशी ल्हुनपो मठ के प्रमुख भी होते है।

गेधुन चोएकी निएमा का जन्म 25 अप्रैल 1989 को हुआ था। गेधुन तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुग्पा स्कूल से संबंधित 11वें पंचेन लामा हैं, जिन्हें 14 मई 1995 को 14वें दलाई लामा द्वारा मान्यता देकर आध्यात्मिक नेता घोषित किया था। पंचेन लामा अब 36 वर्ष के हो चुके हैं।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया

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