Jammu & Kashmir

जम्मू-कश्मीर में व्यावसायिक प्रशिक्षकों ने किया विरोध प्रदर्शन, नौकरी नीति और वेतन वृद्धि की मांग की

जम्मू-कश्मीर में व्यावसायिक प्रशिक्षकों ने किया विरोध प्रदर्शन, नौकरी नीति और वेतन वृद्धि की मांग की

जम्मू, 1 अप्रैल (Udaipur Kiran) । मिशन स्टेटहुड जम्मू कश्मीर के अध्यक्ष सुनील डिंपल ने व्यावसायिक प्रशिक्षकों (वीटी) की दुर्दशा को उजागर करने के लिए एक वर्षीय बच्चे को गोद में लेकर हरि सिंह जी पार्क में विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन जम्मू-कश्मीर में हजारों उच्च योग्यता प्राप्त पुरुष और महिला व्यावसायिक प्रशिक्षकों के समर्थन में था जो न्याय और नौकरी की सुरक्षा की मांग कर रहे थे। केंद्र शासित प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में इसी तरह के प्रदर्शन हुए।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए डिंपल ने इन युवाओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की जिन्हें ईद के दिन सुबह 9 बजे से रात 10 बजे तक हिरासत में रखा गया और कथित तौर पर कश्मीर में लाठीचार्ज किया गया जबकि उनके साथ बच्चे भी थे। उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और एलजी मनोज सिन्हा तुरंत व्यावसायिक प्रशिक्षकों से बातचीत करें, नौकरी की नीति बनाएं और समग्र द्वारा नियुक्त निजी बिचौलियों की कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करें और उन पर जम्मू-कश्मीर के छात्रों का शोषण करने का आरोप लगाया।

डिंपल ने आरोप लगाया कि ये निजी फर्म उच्च योग्यता वाले एम.एससी., पीएचडी, नेट, एसईटी और एम.फिल. उम्मीदवारों के नाम पर सरकार से करोड़ों रुपये लेती हैं लेकिन प्रशिक्षकों को बहुत कम वेतन देती हैं। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उन्होंने इस मामले को सीएम उमर अब्दुल्ला और शिक्षा मंत्री सकीना इटू के समक्ष उठाया है। गुरुवार 3 मार्च को व्यावसायिक प्रशिक्षकों और मुख्यमंत्री के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक निर्धारित है।

उन्होंने व्यावसायिक प्रशिक्षकों के नियमितीकरण, प्रत्यक्ष वेतन भुगतान प्रणाली और लद्दाख यूटी के साथ समानता की मांग की, जहां दैनिक वेतनभोगी कथित तौर पर 29,000 रूपये से 45,000 रूपये प्रति माह कमाते हैं। डिंपल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए रोजगार पैकेज की घोषणा करने और राज्य का दर्जा बहाल करने का भी आह्वान किया।

इसके अलावा उन्होंने कथित लाठीचार्ज और वीटी की हिरासत की जांच की मांग की और सरकार से वेतन बढ़ाने और एसपीओ, रहबर-ए-खेल, शारीरिक शिक्षकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहित सभी हड़ताली दैनिक वेतनभोगियों को नियमित करने का आग्रह किया। उन्होंने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद बढ़ती बेरोजगारी पर भी सवाल उठाया और विधानसभा में बहस तथा जेकेएसएसबी रिक्तियों के लिए तत्काल विज्ञापन जारी करने का आग्रह किया। डिंपल ने चेतावनी दी कि बेरोजगारी के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी दर भारत में सबसे अधिक 42 प्रतिशत है।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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