– प्रतिकुलपति ने शांतिकुंज इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के नवनिर्मित स्टूडियो का किया उद्घाटन
– बाेले, कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने का एकमात्र माध्यम है मीडिया
हरिद्वार, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । देवसंस्कृति विश्वविद्यालय व गायत्री तीर्थ शांतिकुंज परिसर में भगवान विश्वकर्मा की जयंती उत्साहपूर्वक मनाई गई। साथ ही रचनात्मकता व उद्यमशीलता के देवता की अभ्यर्थना के साथ उनके प्रतीक के रूप में पुस्तक, पैमाना, जलपात्र आदि सृजन के इन अनिवार्य माध्यमों की पूजा-अर्चना की गई।
विश्वकर्मा जयंती पर देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पाण्ड्या ने शांतिकुंज इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के नवनिर्मित स्टूडियो का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने का एकमात्र माध्यम मीडिया है। युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के नवनिर्माण के विचारों को जन-जन तक पहुंचाएं। संस्था की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने भगवान विश्वकर्मा की अद्भुत प्रतिभा को याद किया और श्रम शक्ति की उपासना करने के लिए प्रेरित किया। वहीं अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पाण्ड्या ने शिल्प शास्त्रकर्ता विश्वकर्मा की रचनात्मकता पर प्रकाश डाला। डॉ. पाण्ड्या ने कहा कि हिंदू मान्यता के अनुसार देवताओं के शिल्प के रूप में विश्वकर्मा विख्यात थे।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला