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राष्ट्र जागरण के लिए विश्व हिंदू परिषद की स्थापना हुई :  विनायक राव देशपांडे

दुर्गा वाहिनी की बहनों को संबोधित करते विनायक राव देशपांडे

-दुर्गा वाहिनी के अभ्यास वर्ग का शुभारम्भ

महाकुंभ नगर, 16 जनवरी (Udaipur Kiran) । मातृ शक्ति-दुर्गा वाहिनी के अखिल भारतीय अभ्यास वर्ग का उद्घाटन गुरुवार को विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री विनायक राव देशपांडे ने सेक्टर-7 18 में महाकुम्भ शिविर में स्थित सांदिपनी सभागार में दीप जलाकर किया।

विनायक राव देशपाण्डे ने अपने सम्बोधन में कहा कि कार्यकर्ता के विकास के लिए बीच-बीच में प्रशिक्षण वर्ग की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि भारत में संतों की अखंड परम्परा है, लड़ने वाले वीरों की भी परम्परा है। विजयनगर साम्राज्य के कारण दक्षिण भारत अजेय रहा। महाराणा प्रताप के समय में उत्तर भारत अजेय रहा। शिवाजी के नेतृत्व में महाराष्ट्र अजेय रहा। पंजाब में गुरु गोविन्द सिंह के नेतृत्व में विजय अभियान चलाया गया। महापुरुषों ने अपने शौर्य और पराक्रम से भारत को सुरक्षित किया। एकत्रित अभियान नहीं चला। एक ही समय में सम्पूर्ण भारत में जागरण की प्रक्रिया नहीं हुई, अन्यथा देश तभी सुरक्षित हो जाता। नसारे देश में एक ही समय में, एक ही पद्धति से जागरण की प्रक्रिया चले, इसीलिए विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना हुई है। संविधान का पालन करते हुए, संविधान के दायरे में रहते हुए, देश के सभी कोने में राष्ट्र जागरण हो सके, इसीलिए विश्व हिन्दू परिषद काम करता है।

विनायक राव ने कहा कि हिन्दूओं पर अन्याय करना और ईसाई, मुसलमानों को प्रश्रय देना ही आज सेक्युलरिज्म है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद मिशनरीज वाले भारत से जाने वाले थे, लेकिन सेक्युलर नेताओं ने उन्हें रोक लिया। मुख्यमंत्री रविशंकर शुक्ल के समय में नियोगी कमीशन आया मध्य भारत प्रांत में। उससे धर्मांतरण की विभीषिका का पता पूरे देश को हुआ। उन्होंने कहा कि संगठन, सेवा, संस्कार, सुरक्षा- चार प्रकार के काम हमलोग करते हैं। 32 हजार सत्संग, 2 हजार बाल संस्कार केन्द्र, 500 से अधिक मन्दिरों का निर्माण हुए हैं। यह अभ्यास वर्ग अभी 17, 18 जनवरी तक चलेगा। सत्र का संचालन केन्द्रीय सह संयोजिका मातृ शक्ति सरोज सोनी ने किया। दुर्गा वाहिनी की सह संयोजिका पिंकी पंवार ने मंचस्थ अतिथियों का परिचय कराया। प्रस्ताविक भाषण दुर्गा वाहिनी की संयोजिका प्रज्ञा महिला का हुआ। उन्होंने कहा कि कुम्भ में महिला कार्यकर्ताओं को बुलाने का मन हुआ। धर्म रक्षा का भाव मन में लेकर जाना है, सामूहिक टीम वर्क और सेवा का संस्कार सीखकर जाना है।

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(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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