धर्मशाला, 2 सितंबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश की सेवा में जुटे सभी कर्मियों के वेतन पर कांग्रेस सरकार का ग्रहण लग गया है। यह बात हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी एडवोकेट विश्व चक्षु ने सोमवार को जारी एक बयान में कर्मचारियों के वेतन विलंबित होने पर कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने मित्रों को खुश करने और झूठी गांरटियों को जबरदस्ती प्रदेश में थोपने की नाकाम कोशिश में राज्य का खजाना खाली करने में अपने दोनों हाथ लगा दिए हैं। अब प्रदेश में सुक्खू सरकार की अव्यवस्था से उपज रही स्थिति से पूरी तरह से बौखला गए हैं।
विश्व चक्षु ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार कांग्रेस सरकार के राज में कर्मचारियों की सैलरी विलंबित हुई है। मुख्यमंत्री सुक्खू अपने मित्रों को कर्ज लेकर घी पिला रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों का दर्द नहीं समझ रहे हैं। मुख्यमंत्री अपने मित्रों की सैलरी-भत्ते बिना किसी तंगी से बढ़ा रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों को समय पर सैलरी नहीं मिल रही है, जिससे उनका सिस्टम बिगड़ जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू अपनी अव्यवस्था से अब इतने कंफ्यूज़ हो गए हैं कि कभी कहते हैं कि सरकार का खजाना खाली हो गया है, कभी कहते हैं हालात सामान्य हैं। जबकि महीने की दो तारीख बीत जाने पर भी कर्मचारियों की सैलरी पर संकट आता दिख रहा है। जबकि जो सूचना सरकारी तंत्र से मिल रही है, उसके तहत एक सप्ताह की देरी भी वेतन मिलने की हो सकती है।
उन्होंने कहा कि अब हालात यह है कि प्रदेश के कर्मचारियों को वक्त पर सैलरी भी नहीं मिल रही है। कांग्रेस ने कुछ ही माह में हजारों करोड़ का ऋण लेकर करीब 90 हज़ार करोड़ बोझ तले प्रदेश को दबा दिया है। कांग्रेस सरकार से पेंशनर्ज अपने बकाया और एरियर समेत कर्मचारी ओपीएस की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे हुए हैं। जबकि ऐसा पहली बार हुआ है कि पहली तरीख को दिया जाने वाला वेतन, सरकार इस बार राम ही जाने कब कर्मियों को देगी।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया