Uttar Pradesh

अपने दायित्व का निर्वाह करते हुए संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन करें : वीरेन्द्र जायसवाल

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वाराणसी,30 मार्च (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र कार्यवाह डॉ वीरेंद्र जायसवाल ने कहा कि भारतीय त्योहार, पर्व और महत्वपूर्ण दिवस हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का अनमोल अवसर प्रदान करते हैं। डॉ वीरेंद्र भारतीय नव संवत संवत्सर 2082 पर रविवार को संस्कार भारती काशी महानगर की ओर से शिवाला घाट पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि सृष्टि के प्रारंभ में जब केवल सूर्य, पृथ्वी, गगन, वायु और अग्नि ही थे, तब मानव इन शक्तियों की आराधना किया करता था। उस समय कोई जाति भेदभाव नहीं था। आज हमें एक जातिविहीन समाज की ओर अग्रसर होना है। इस दिशा में हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि हम अपने दायित्व का यथाशक्ति निर्वहन करते हुए अपनी समृद्ध संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन करें। कार्यक्रम की शुरुआत कांची कामकोटि मठ के सुब्रमण्यम मणी और बटुकों के मंगलाचरण, वैदिक मंत्रों के सस्वर पाठ से हुई। इसके बाद, उपस्थित सभी अतिथियों ने गंगा के तट पर उदयमान भगवान भास्कर को अर्ध्य अर्पित किया और शंखध्वनि एवं मंत्रोच्चार के साथ नव वर्ष का स्वागत किया। इस अवसर पर कुटुंब और संगत विद्यालय के छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए गए शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम ने सभी का मन मोह लिया। विशेष रूप से सुरभि संस्थान की छात्रा के बांसुरी वादन ने पूरे समारोह में सुरों की मिठास बिखेरी और माहौल को और भी संगीतमय बना दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रेरणा चतुर्वेदी और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आर वी शर्मा ने किया।

कार्यक्रम में आरएसएस के काशी प्रांत के विभाग प्रचारक नितिन, संस्कार भारती के प्रांत संगठन मंत्री दीपक शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष अवधेश मिश्रा, प्रेम नारायण सिंह, प्रमोद कुमार पाठक आदि भी मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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