HimachalPradesh

शिक्षकों की आवाज कुचल रही सरकार : विपिन परमार

विपिन परमार।

धर्मशाला, 29 अप्रैल (Udaipur Kiran) । हिमाचल सरकार प्रदेश के बेरोजगार युवाओं से छल कर रही है। जो पार्टी एक साल में एक लाख नौकरियों की गारंटी लेकर सत्ता में आई थी, आज उसी सरकार में बेरोजगार नौकरियों के लिए तरस रहे हैं। यह कहना है हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष, कांगड़ा-चंबा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रभारी व विधायक विपिन सिंह परमार का। यहां जारी एक बयान में परमार ने कहा कि सरकार ने कांट्रैक्ट भर्तियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है, लेकिन युवाओं की भर्ती कैसे होगी, इसके बारे में कुछ नहीं बताया।

उन्होंने आरोप जड़ा कि एक लाख सरकारी नौकरियां देने की गारंटी देकर सत्ता में आई, वह सरकार हर दिन नौकरियां खत्म करने के पैंतरे अपना रही है। सरकार हर दिन नौकरियां न देने, कर्मचारियों को नौकरियों से निकालने, वेतन काटने, प्रोमोशन रोकने के बहाने खोज रही है। विपिन परमार ने कहा कि 25 अप्रैल को सरकार द्वारा एक पत्र जारी कर प्रदेश में सभी प्रकार की अनुबंध आधारित भर्तियों पर रोक लगा दी है। सरकार ने यह नहीं साफ किया कि आगे भर्तियां कैसे होगी? युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगा? क्या सरकार इस नोटिफिकेशन के माध्यम से रोक लगाकर युवाओं को नौकरी नहीं देना चाहती है।

विपिन परमार ने कहा कि अपने हक की लड़ाई लड़ने वाले शिक्षकों से भी बुरा व्यवहार कर रही है। सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने वाले चार अन्य शिक्षकों को शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है, जबकि 800 से 900 शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज कर दी है। सरकार प्रदर्शन में शामिल शिक्षकों को रिकॉर्ड खंगाल रही है। विपिन परमार ने आरोप लगाया कि अपनी बात रखने का हक सभी को है, लेकिन इसके बदले में सरकार शिक्षकों की आवाज कुचलने की कोशिश कर रही है, जो सरासर अन्याय है। प्रदेश भर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। सरकार किसी की सुनने के बजाय तानाशाही तरीके से लोगों की आवाज़ों का दमन कर रही है। लोकतंत्र में लोगों की आवाज सुननी होती है, उन्हें डराना नहीं होता है।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया

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