Uttar Pradesh

नशा मुक्त भारत का संदेश देंगी विंध्य क्षेत्र की वादियां, शांति के प्रतीक बनेंगे पर्यटन स्थल

उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक करते अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अजय कुमार सिंह और अपर पुलिस अधीक्षक (नक्सल) ओम प्रकाश सिंह।

– पर्यटन स्थलों पर चलेगा चेकिंग अभियान, मेडिकल स्टोर्स पर भी बढ़ेगी सख्ती – कॉलेजों में ‘ड्रग्स मुक्त युवा, सशक्त भारत’ अभियान से जागरूक होंगे छात्र मीरजापुर, 29 मई (Udaipur Kiran) । पर्यटन, भक्ति और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर मिर्जापुर अब नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की तैयारी में है। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन के निर्देश पर जिले में नशीले पदार्थों की तस्करी और दुरुपयोग पर नकेल कसने की योजना बनाई गई है। इसी कड़ी में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अजय कुमार सिंह और अपर पुलिस अधीक्षक (नक्सल) ओम प्रकाश सिंह ने संयुक्त रूप से एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। अपर जिलाधिकारी ने कहा कि पर्यटन स्थल पवित्रता और शांति के प्रतीक होते हैं। इन्हें नशे से बचाना सिर्फ प्रशासन का नहीं, हम सबका कर्तव्य है। अगर एक युवा भी नशे से दूर रह जाए तो यह अभियान सफल माना जाएगा। यह सिर्फ अभियान नहीं, मिर्जापुर के भविष्य को सुरक्षित रखने का संकल्प है।

पर्यटन स्थलों पर सख्त पहरा, मादक द्रव्यों पर रोक अपर जिलाधिकारी ने दो टूक कहा कि पर्यटन स्थलों पर नशे का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने साफ निर्देश दिए कि विंध्याचल धाम, लक्ष्मी कुंड, चुनार किला, टोंस नदी घाट और अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों पर निरोधात्मक कार्रवाई कर नशे के सेवन पर पूरी तरह रोक लगाई जाए। संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस और स्थानीय प्रशासन को मिलकर काम करने के निर्देश दिए गए हैं।

‘ड्रग्स मुक्त युवा, सशक्त भारत’ जैसे कार्यक्रमों को दें गति नशे के चंगुल में फंसती युवा पीढ़ी को बचाने के लिए कॉलेजों और स्कूलों में विशेष गोष्ठियां आयोजित की जाएंगी। जिला विद्यालय निरीक्षक और औषधि विभाग को निर्देशित किया गया है कि वे मिलकर ‘ड्रग्स मुक्त युवा, सशक्त भारत’ जैसे कार्यक्रमों को गति दें।

दवा दुकानों पर भी होगी सख्त निगरानी नारकोटिक दवाओं की बिक्री पर नजर रखने के लिए सभी मेडिकल स्टोर्स की नियमित चेकिंग शुरू की जाएगी। जो दुकानदार बिना अनुमति या गलत तरीके से मादक दवाओं का स्टॉक रखते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

सिर्फ कानून नहीं, समाज का साथ भी जरूरी अधिकारियों ने माना कि सिर्फ कानून से नहीं, समाज की जागरूकता से ही यह लड़ाई जीती जा सकती है। बैठक में एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामलों की प्रगति, विवेचनाओं की स्थिति और अदालती कार्यवाही की समीक्षा भी की गई।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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