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निर्माण कंपनी के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों का दौर जारी, मंडी के रखोह में ग्रामीणों ने बोला हल्ला

निर्माण कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन करते ग्रामीण

मंडी, 02 जून (Udaipur Kiran) । हिमाचल किसान सभा के आह्वान पर एन एच निर्माण कंपनी के ख़िलाफ़ शुरु किये गए निरंतर धरने प्रदर्शनों के तहत आज रखोह में प्रदर्शन किया गया। चार साल से एनएच निर्माण कार्य से दिक्कतें झेल रहे लोगों ने पिछले कुछ दिनों से एन एच निर्माण कंपनी गावर, भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग तथा स्थानीय प्रशासन के ख़िलाफ़ सड़को पर उतर कर आंदोलन शुरू कर दिया है। पिछले एक महीने में पाड़छु, सरकाघाट, दमसेहड़ा, चोलथरा में प्रदर्शन करने के बाद आज रखोह में हिमाचल किसान सभा के बैनर तले पूर्व ज़िला पार्षद भुपेन्द्र सिंह के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। ये सभी प्रदर्शन यूनिट एक के अंतर्गत अवाहदेवी से पाड़छु तक तीन साल से बन रही सड़क से पेश आ रही समस्याओं को लेकर किये गए।

अब अगले चरण में लौंगनी, बनाल, बनेहरडी और कुमाहरडा में सड़क पर प्रदर्शन किए जाएंगे। जिसकी रूपरेखा 4 जून को कंपनी के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने के बाद तैयार की जायेगी। ये बात पूर्व ज़िला पार्षद भुपेन्द्र सिंह किसान सभा के पूर्ण चन्द पराशर, अमृत लाल, बृज लाल शर्मा, मेहर चन्द गारला, बिहारी लाल दिनेश काकु और रणताज़ राणा ने रखोह में आयोजित प्रदर्शन के दौरान कही। आज सुबह से ही एसडीएम और विभागीय अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे इसलिए एक घण्टे तक शांतिपूर्ण तरीके से सड़क किनारे धरना दिया गया और उसके बाद पँचायत घर में समझौता वार्ता हुई और प्रथमिकता पर रखोह बाजार की सड़क को पक्का करने, डम्पिंग रोकने, रास्ते और लिंक रोड बरसात से पहले पूर्ण करने का एग्रीमेंट हुआ।

भुपेन्द्र ने कहा कि प्रभावितों और उन्होंने एसडीएम को कई बार मांगपत्र दिए हैं और 20 मई को कंपनी पर मुक़दमा दर्ज करने बारे मांगपत्र दिया है कि यूं कि बहुत से लोगों के घर गिरने वाले हैं और अवैध डंम्पिंग और घटिया किस्म का काम कछुआ चाल से चल रहा है लेकिन प्रशासन इनके बजाये प्रदर्शन के लिए मजबूर लोगों पर मुक़दमे दर्ज करने में लगा है।जिससे प्रशासन और कंपनी की मिलीभगत का प्रमाण सामने आ रहा है।

उन्होंने कहा कि मौर्थ के प्रभारी इंजीनियर तन्मय महाजन ने कबूल किया है कि उन्होंने गावर कंपनी पर अभी तक एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है और क्वालिटी कन्ट्रोल का काम देख रही एलएम मालविया कम्पनी ने भी कंपनी द्धारा किये जा रहे घटिया किस्म के निर्माण कार्य बारे भारत सरकार को सूचित किया है।

भुपेन्द्र सिंह ने बताया कि कम्पनी की स्थिति ये है कि इनके पास काम करवाने के लिए मज़दूर नहीं हैं जिसकी वजह मज़दूरों का शोषण और उन्हें वेतन न देना है। जिसके कारण अब कोई भी मज़दूर इनके पास काम करने के लिए तैयार नहीं हो रहा है। जिसके चलते चोलथरा व अन्य जगहों पर जहां जहां घरों को खतरा है वहां वहां प्रभावितों को ही मज़दूर उपलब्ध कराने बारे कहा जा रहा है ताकि बरसात से पहले वहां पर सुरक्षा दीवारें लग सकें। आज रखोह में आयोजित प्रदर्शन के बाद हुए लिखित समझौते में 15 जून तक रखोह बाज़ार की सड़क पक्का करने, नालियां बनाने,तोड़े गए रास्तों को पुर्निर्मित करने,घरों के पास 20 जून तक सुरक्षा दीवारें लगानेबारे सहमति बनी।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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