
धमतरी, 19 मई (Udaipur Kiran) । पेयजल संकट और महुआ शराब के अवैध बिक्री से तंग आकर मोहंदी व जामली के ग्रामीण सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। ग्रामीणों की भीड़ ने कहा कि सात गांवों की प्यास बुझाने कुसुमखुंटा नाला बनाने की मांग लेकर ग्रामीण पिछले 20 सालों से कलेक्ट्रेट पहुंच रहे हैं। चप्पल घिस गया, लेकिन अब तक कुसुमखुंटा नाला नहीं बन पाया है। नाला नहीं बनने से गांवों में पेयजल संकट है। टैंकरों से पानी लाकर ग्रामीण अपनी प्यास बुझा रहे हैं। ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर शीघ्र ही कुसुमखुंटा नाला बनाने की गुहार लगाई है, ताकि एक साथ सात से अधिक गांवों की प्यास बूझ सके और निस्तारी समस्या भी दूर हो सके।
मगरलोड ब्लाक के ग्राम मोहंदी एवं आश्रित ग्राम जामली के करीबन डेढ़ सौ से अधिक ग्रामीण बस में सवार होकर 19 मई को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। यहां कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर पूर्व सरपंच श्रवण साहू, उपसरपंच लेखनी सिन्हा, कोमल यदु, संतोषी मारकण्डेय, दुलीचंद लहरे, राजू लहरे आदि ने बताया कि मोहंदी गांव में पेयजल की विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है। यहां करीबन 70 हैंडपंप है। जिसमें से 50 हैंडपंप बंद है केवल 20 ही चालू है। जिसमें भी पर्याप्त पानी नहीं आता। गांव में तीन साल पहले शुरू किये गए जल जीवन मिशन योजना का कार्य अधूरा पड़ा है। पेयजल संकट से उबरने के लिए पंचायत की ओर से टैंकर के माध्यम से पानी की सप्लाई हो रही है। कलेक्टोरेट पहुंचे ग्रामीणों ने कहा कि जल संवर्धन के लिए बेलोरा जलाशय से जोड़कर कुसुमखुंटा नाला को बना दिया जाए, तो एक साथ सात गांवों की समस्या दूर हो जाएगी, जिसमें मोहंदी, जामली, छिपली, डाभा, राजपुर, सरगी, बोदलबाहरा शामिल है। नाला के माध्यम से पानी इन गांवों तक पहुंचेगी।
उल्लेखनीय है कि नाला बनाने के लिए वन विभाग ने आपत्ति लगा रखी है, वहीं स्वीकृति भी अब तक नहीं मिला है, इससे कुसुमखुंटा गांव का नाला नहीं बन पा रहा है, जबकि ग्रामीण 20 सालों से बनाने की मांग कर रहे हैं। गांव की सरपंच अनिता लहरे ने कहा कि पानी की समस्या बढ़ गई है इसलिए सिंचाई सुविधा को बेहतर बनाने के लिए कुसुमखुंटा नाला में चेकडेम बनाने की मांग की है। गांव की जनसंख्या 2800 से अधिक है। गांव में छह तालाब है जिसमें पानी है, लेकिन पेयजल के लिए समस्या बनी हुई है। यहां एक टैंकर के माध्यम से सुबह शाम पानी दिया जा रहा है। पूर्व जनपद सदस्य कोमल यदु ने कहा कि बेलोरा जलाशय से पानी लाने 20 साल पुरानी मांग है। कई वर्षों से शासन प्रशासन और विधायक से मांग कर रहे हैं। बीच में वन विभाग की जमीन है। इसलिए अनुमति नहीं मिल रही है। हालांकि शासन ने अभी तक इसकी अनुमति नहीं दी है। इस संबंध में आवेदन दे चुके हैं।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
