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दुमका, 31 दिसंबर (Udaipur Kiran) । नक्सल प्रभावित काठीकुण्ड प्रखंड के बडाचापुडिया पंचायत में कोल ब्लॉक विरोध का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को भुईभंगा के चौक के समीप मैदान में सैकड़ों ग्रामीणों ने बैठक कर कोल ब्लाक का विरोध करते नजर आये। ग्रामीणो का कहना की कोल ब्लाक से सैकड़ों गांव प्रभावित हों रहे है। जीवन तहस नहस हो जायेगा। जबकि इसका उदाहरण देते हुए लोगों ने कहा कि पड़ोस के जिला पाकुड़ के अमडा़पाडा़ एवं कठालडीह जैसे कोल ब्लॉक से लोग रोज प्रदूषण से लेकर तकलीफ झेलनी पड़ रही है। जबकी वहां के लोग रोजगार के लिए भटक रहे हैं। हजार रुपए में काम ले रही कोल ब्लाक कम्पनी रैयत का ही शोषण करती है। प्राकृति सुंदरता जल, जंगल, जमीन बंजर भूमि में तब्दील हो जायेगा। आने वाले पीढ़ी का भविष्य में बिना जमीन और बिना रोजगार और खेती के लोग कैसे रह सकेंगे। ग्रामीणों ने विस्थापित आंदोलनकारी मुन्नी हांसदा से सहयोग करने की अपील किया। आंदोलनकारी मुन्नी हांसदा ने ग्रामीणों का हौसला बुलंद करते हुए कहा जबतक लड़ेंगे नहीं, तब तक दबाने में हरकदम प्रयास करते रहेंगे। नहीं ज़मीन देंगे, नहीं जान देंगे का नारा बुलंद की।
गौरतलब हो कि काठीकुण्ड प्रखंड में आंदोलनकारियों मुन्नी हांसदा के नेतृत्व में हुए आंदोलन वर्ष 2009 पर पुलिस ने गोली चलाई गई थी। जिससे कई लोग को गोलियों भी लगी और दो लोगों को गोली लगने से मौत हो गई थी। जो अभी भी आमगाछी में शहादत दिवस मनाया जाता है। आज वैसे ही कोल ब्लॉक कम्पनी अपनी प्रयास में लगे हैं। जबकि कोल ब्लॉक खोलने से दर्जनों गांवों के लोग विस्थापित हो जायेंगे।
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(Udaipur Kiran) / नीरज कुमार
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