Uttar Pradesh

सामुदायिक शौचालयों की बदहाली, ग्रामीण हो रहे परेशान

हलिया ब्लाक के हथेड़ा में बंद पड़े शौचालय।

– 809 में से 802 ग्राम पंचायतों में बने सामुदायिक शौचालय

– देखरेख के लिए तैनात की गईं केयर टेकर महिलाएं

मीरजापुर, 14 दिसंबर (Udaipur Kiran) । स्वच्छ भारत मिशन के तहत जनपद में लाखों रुपये खर्च कर 802 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया। इसका उद्देश्य था कि ग्रामीणों को खुले में शौच से मुक्ति मिले। लेकिन वास्तविकता यह है कि कई शौचालयों में ताले लगे हुए हैं और साफ-सफाई व पानी की उचित व्यवस्था न होने से ये अनुपयोगी साबित हो रहे हैं।

जनपद के 809 ग्राम पंचायतों में से 802 में सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं, जबकि भूमि की कमी के चलते 7 ग्राम पंचायतों में इनका निर्माण नहीं हो पाया। संचालन के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को छह हजार रुपये मासिक मानदेय पर केयर टेकर नियुक्त किया गया है।

सुविधा के नाम पर ताले और गंदगी

विकास खंड हलिया के गलरिया, ऊंटी, चंद्रगढ़, बबुरा रघुनाथ सिंह और महेशपुर जैसे गांवों के सामुदायिक शौचालयों में ताले लगे हैं। गांव के पुष्पराज सिंह और मुखिया कोरी ने बताया कि गलरिया गांव में शौचालय हमेशा बंद रहता है। पानी और साफ-सफाई की कमी के कारण ग्रामीण इसे इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। लोग आज भी शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर हैं।

शौचालय की बदहाली इतनी है कि गलरिया गांव में इसके सामने भूसे का ढेर लगा दिया गया है। इस पर एडीओ पंचायत रूपेश श्रीवास्तव ने कहा कि निष्क्रिय शौचालयों की जांच की जाएगी। गलरिया के शौचालय को चालू कराने के लिए सचिव को निर्देश दिए गए हैं।

समय निर्धारण और कार्रवाई का निर्देश

जिला पंचायत राज अधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि सामुदायिक शौचालय सुबह 5 से 10 बजे और शाम 5 से 8 बजे तक खुलने चाहिए। इसके अलावा, केयर टेकर अपनी सुविधा से इसे अतिरिक्त समय पर भी खोल सकते हैं। यदि निर्धारित समय पर शौचालय बंद पाया गया तो संबंधित केयर टेकर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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