बिहारशरीफ, 03 नवंबर (Udaipur Kiran) ।जिले के बेन प्रखंड अंतर्गत बेन पंचायत के वार्ड नंबर 1, रणु विगहा गांव के महादलित टोले में पेयजल की गंभीर समस्या बनी हुई है। इस टोले में रविदास और पासवान समुदाय के लोग रहते हैं, जो पानी की कमी के कारण प्रतिदिन संघर्ष कर रहे हैं। ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए लगभग आधा किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है, जिससे उनकी दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि उन्हें हर दिन पानी के लिए दूसरों के घरों पर निर्भर रहना पड़ता है, जहां से कभी-कभी ताने सुनने पड़ते हैं। इस क्षेत्र के लोग पीने के पानी के अभाव में बेहद कठिनाई झेल रहे हैं, बावजूद इसके कि बेन पंचायत से ही बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार आते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि मंत्री हर चुनाव में वादा करते हैं कि वे उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे, लेकिन चुनाव के बाद वादे हवा में गायब हो जाते हैं।
आरटीआई एक्टिविस्ट अरविंद कुमार उर्फ भोली बाबू ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा, “यह शर्म की बात है कि ग्रामीण विकास मंत्री के करीबी अविनाश कुमार, जो पैक्स अध्यक्ष हैं, और उनकी पत्नी, जो इसी पंचायत की मुखिया हैं, के बावजूद इस टोले के लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। यह समस्या चुनावी वादों के बावजूद अनदेखी का परिणाम है।”भोली बाबू ने सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि महादलित समुदाय के घरों तक पानी पहुंचाने के लिए तुरंत बोरिंग की व्यवस्था कराई जाए।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो ग्रामीण मजबूर होकर आंदोलन करेंगे।इस क्षेत्र की स्थिति यह है कि पिछले कई वर्षों से पानी की समस्या बनी हुई है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं किया गया है। ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन और सरकार से अपील की है कि वे उनकी समस्या का संज्ञान लें और जल्द से जल्द पेयजल की समुचित व्यवस्था करें, ताकि इस क्षेत्र के लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित न रहें।गौरतलब है कि बेन पंचायत की मुखिया, जो पैक्स अध्यक्ष अविनाश कुमार की पत्नी हैं, भी इस पंचायत की समस्याओं से भली-भांति परिचित हैं, फिर भी इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय किए गए वादों की अनदेखी से उनकी समस्याएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं।स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि बोरिंग और अन्य जलस्रोतों की स्थापना कर पेयजल की समस्या का समाधान किया जा सकता है। अगर सरकारी स्तर पर ध्यान दिया जाए तो इस समस्या का स्थायी समाधान संभव है।
(Udaipur Kiran) /प्रमोद
—————
(Udaipur Kiran) / प्रमोद पांडे