डोडा, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । डोडा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में चार सैनिकों के बलिदान के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि सरकार ने कुछ रणनीति बनाई है, जिन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ग्राम रक्षा रक्षकों को पुनर्जीवित किया जा रहा है और उन्हें अधिक आधुनिक हथियार दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में डोडा में कुछ हिंसक गतिविधियां हुई हैं। 90 के दशक में जब आतंकवाद अपने चरम पर था तो लोगों को जम्मू में पलायन करना पड़ा और यहां के नेताओं ने उन्हें अपने यहां बसाया लेकिन डोडा में क्षेत्र के सांप्रदायिक सद्भाव के कारण कोई पलायन नहीं हुआ।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने डोडा में आतंकी गतिविधियों का संज्ञान लिया है। कुछ रणनीतियां बनाई गई हैं, जिन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। विलेज डिफेंस गार्ड (वीडीजी) को पुनर्जीवित किया जा रहा है और वीडीजी को और अधिक आधुनिक हथियार दिए जाएंगे। केंद्रीय राज्य मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि केंद्र शासित प्रदेश में जो भी शांति होगी, वह मोदी सरकार के तहत होगी। जो भी होगा, मोदी सरकार के तहत होगा। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने अनुच्छेद 370 को हटाकर यह दिखाया। अगर आज कश्मीर घाटी में शांति स्थापित हुई है और 2.5 करोड़ पर्यटक यहां आए हैं तो यह भी मोदी जी के कार्यकाल में हुआ है। जब कोई पर्यटक आता है तो यह दर्शाता है कि उसे विश्वास है कि अब यहां शांति बहाल हो गई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बीच जम्मू क्षेत्र में उच्च प्रशिक्षित पाकिस्तानी आतंकवादियों की घुसपैठ को देखते हुए भारतीय सेना खुफिया सूचनाओं और सुरक्षा आवश्यकताओं के अनुसार क्षेत्र में अपनी तैनाती को फिर से समायोजित कर रही है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान से आए 50-55 आतंकवादियों को पकड़ने के लिए इलाके में करीब 500 पैरा स्पेशल फोर्स के कमांडो तैनात किए हैं। ये आतंकवादी जम्मू संभाग में आतंकवाद को फिर से जिंदा करने के लिए घुसे हैं। उन्होंने बताया कि खुफिया एजेंसियों ने भी इलाके में अपने तंत्र को मजबूत किया है और आतंकवादियों को समर्थन देने वाले जमीनी कार्यकर्ताओं सहित आतंकवादी समर्थन ढांचे को खत्म करने के लिए काम कर रही हैं।
सूत्रों ने बताया कि सेना ने यहां पाकिस्तान के छद्म आक्रमण का मुकाबला करने के लिए करीब 3,500-4000 कर्मियों की एक ब्रिगेड सहित सैनिकों को पहले ही इलाके में उतार दिया है। इससे पहले 15 जुलाई को विशेष खुफिया सूचनाओं के आधार पर भारतीय सेना और जेके पुलिस ने डोडा के उत्तर में इलाके में एक संयुक्त अभियान चलाया था। 16 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान कैप्टन बृजेश थापा सहित चार भारतीय सेना के जवान बलिदान हो गए थे।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह / आकाश कुमार राय