Delhi

विजेंद्र गुप्ता ने किया सरिता विहार के निर्माणाधीन अस्पताल का दौरा, एलजी से की भ्रष्टाचार की जांच की मांग

विजेंद्र गुप्ता ने सरिता विहार में दिल्ली सरकार के अस्पताल के अधूरे पड़े निर्माणकार्य का निरीक्षण किया

नई दिल्ली, 9 दिसंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सरिता विहार में दिल्ली सरकार के निर्माणाधीन अस्पताल की अधूरी पड़ी इमारत का आज निरीक्षण किया। लगभग 11 हजार स्क्वेयर मीटर में फैले इस प्लॉट में प्री-इंजीनियरिंग मॉडल पर 336 बिस्तरों की क्षमता वाले अस्पताल का निर्माण प्रस्तावित था।

निर्माण स्थल के निऱीक्षण के दौरान गुप्ता ने बताया कि 336 बिस्तरों की क्षमता वाले इस अस्पताल को सितंबर 2021 से शुरू करके 2022 के फरवरी महीने तक पूरा किया जाना था। लेकिन यह निर्माण कार्य लगभग चार साल बीत जाने के बावजूद आधा ही हो पाया है। जुलाई 2023 में सरकार द्वारा हाथ खींच लिये जाने के बाद निर्माण कार्य ठप हो गया। इस निर्माण की लागत 70 करोड़ से दो गुणा बढ़कर 140 करोड़ से ज़्यादा हो चुकी है।

गुप्ता ने कहा कि आम आदमी सरकार ने पिछले दस साल में अपने कार्यकाल के दौरान एक भी नया अस्पताल नहीं बनाया लेकिन अस्पतालों में नई बिल्डिंगों के नाम पर हजारों करोड़ रुपयों की बंदरबाट कर ली। वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सेवाओं का दम भरने वाली सरकार ने दिल्ली वालों को ठग लिया है।

गुप्ता ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि अगर इस अस्पताल का निर्माण कार्य जैसे तैसे पूरा हो भी जाता तो उसका संचालन नहीं हो सकता था। क्योंकि सरकार ने अस्पताल को चलाने के लिये जरूरी डाक्टर्स, नर्स, वार्ड ब्वॉय जैसे स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया का प्रावधान ही इस योजना में नहीं रखा।

गुप्ता ने केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि यह बड़े ही अफसोस की बात है कि जब दिल्ली के लोग कोरोना जैसी आपदा में अपनी जान गंवा रहे थे और इस अस्पताल को पूरा करना बहुत जरूरी था, उस वक्त आम आदमी पार्टी के मुखिया अपने शीश महल की साज सज्जा में कराड़ों रुपये खर्च करके अपनी विलासिता के साधन जुटाने में व्यस्त थे और शराब नीति के माध्यम से करोड़ों रुपये इधर से उधर करने का ताना बाना बुन रहे थे। ऐसे में भला वो जनता के कल्याण की योजनाओं की तरफ अपना ध्यान कैसे लगाते।

गुप्ता ने कहा कि वैसे तो आआपा अपने स्वास्थ्य मॉडल का ढिंढोरा पूरी दुनिया में पीटती रहती है लेकिन अस्पतालों में अधूरे पड़े निर्माण कार्य ही इनमें किये गये भारी भ्रष्टाचार और वित्तीय गड़बड़ियों की बानगी हैं। इसलिए हम दिल्ली के उपराज्यपाल से इस पूरे निर्माण कार्य की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हैं ताकि कट्टर ईमानदारी का तमगा लगाकर पूरी दुनिया में स्वास्थ्य मॉडल का गुणगान करने वाली केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार का सच दिल्ली की जनता के सामने आ सके।

—————

(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी

Most Popular

To Top