नई दिल्ली, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आआपा) सरकार की तथाकथित ‘विश्व स्तरीय शिक्षा क्रांति’ की पोल खोलते हुए कहा कि यह सरकार बड़े जोर-जोर से घोषणाएं करती है, नए-नए स्कूल खोलने के लिए बिल्डिंगें बनवाती है और फिर निर्माण के नाम पर भ्रष्टाचार करके इन बिल्डिंगों को लावारिस हालत में छोड़ देती है। आआपा सरकार का एकमात्र लक्ष्य ‘निर्माण से पैसे कमाना’ रह गया है।
गुप्ता ने आज बवाना विधानसभा के दरियापुर कला गांव में 45 करोड़ रुपये से नवनिर्मित ‘स्कूल आफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस’ की बिल्डिंग का औचक निरीक्षण किया और पाया कि दो साल पहले बनी बिल्डिंग आज धूल चाट रही है। उसमें एक भी छात्र का न तो एडमिशन हुआ और न ही स्कूल के लिए स्टाफ रखा गया। बिल्डिंग को लावारिस हालत में छोड़ दिया गया। बिल्डिंग के निर्माण के माध्यम से भ्रष्टाचार के पैसे की बंदरबाट हुई। गुप्ता ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर इस मामले की गहन जांच करवाने की मांग की है।
विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि 2013 में इस परिसर में लड़कियों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक स्कूल बिल्डिंग बनाई गई, जिसमें न तो कोई एडमिशन हुआ और न ही कोई पढ़ाई हुई। यह बिल्डिंग अब खंडहर हो गई है। फिर पांच साल बाद 2018 में इसी परिसर में स्कूल के नाम पर एक दूसरी बिल्डिंग बनाई गई, जिसमें कन्या विद्यालय खोला गया और जिसका उद्धघाटन स्थानीय विधायक द्वारा किया गया। कुछ समय तक यह कन्या विद्यालय चलता रहा लेकिन सरकार के हाथ खींचने के बाद यह भी इतिहास के पन्नों में समा गया। दो-दो बिल्डिंग बनाकर भ्रष्टाचार से पैसा कमाने के बाद सरकार चुप नहीं बैठी और एक दूसरी बहुमंजिला इमारत बनाने की प्लानिंग की गई। 45 करोड़ रुपये खर्च करके इस इमारत में ‘डॉक्टर भीमराव अंबेडकर स्कूल हाउस स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस’ (एसओएसई) के नाम से एक नई बिल्डिंग बनाई गई, जिसका उद्घाटन 7 जून 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री आतिशी ने किया और बड़े जोर से स्कूल को प्रचारित और प्रसारित किया गया। स्कूल को शिक्षा मॉडल की बहुत बड़ी उपलब्धि बताते हुए इसमें एक हजार छात्रों को भर्ती करने का दावा किया गया। इस इमारत का भी हश्र वही हुआ जो बाकी दो बिल्डिंगों का हुआ। आज दो साल बाद यह इमारत धूल चाट रही है।
गुप्ता ने बताया कि पहले दोनों इमारतों की बुरी हालत देख चुके ग्रामीणों ने जब इस तीसरी बिल्डिंग के निर्माण का विरोध किया तो बिल्डिंग की दो मंजिलों में कन्या स्कूल की कुछ छात्राओं को शिफ्ट करके स्कूल चलाने का दिखावा करते हुए लोगों की आंखों में धूल झोंकी गई और उन्हें गुमराह करने की कोशिश की गई। इस मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लड़कियों के लिए पांच एकड़ में एक नया स्कूल खोलने की भी घोषणा कर दी थी।
गुप्ता ने कहा कि धोखाधड़ी पार्टी का भ्रष्टाचार करने का नया तरीका ईजाद हो गया है। इसमें ये लोग प्लान बनाते हैं, बिल्डिंग के निर्माण में मोटी कमाई करते हैं और अपने तथागत शिक्षा मॉडल का चोला पहनाकर मीडिया में खबरें छपवाकर लोगों को बरगलाते हैं और फिर स्कूल भवनों को लावारिस हालात में छोड़कर अपना पल्लू छुड़ा लेते हैं।
गुप्ता ने कहा कि ‘आआपा’ सरकार का यह नया तरीका न केवल कीमती संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि जनता के साथ विश्वासघात भी है, क्योंकि जनता की कमाई को एक ऐसे प्रोजेक्ट पर खर्च कर दिया गया जिससे समाज के किसी भी वर्ग की जरूरत पूरी नहीं हो पाई। जिस स्कूल को अत्याधुनिक शिक्षा सुविधा के नाम पर प्रचारित किया गया था, वह उद्घाटन के बाद से लंबे समय तक खाली पड़ा रहा। यह बिना सोचे समझे बनाई गई इस परियोजना की जवाबदेही और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
नेता प्रतिपक्ष ने सवाल उठाया कि 10 साल की अवधि में दिल्ली की जनता के खून पसीने की गाढ़ी कमाई के 45 करोड़ रुपये शिक्षा के नाम पर बर्बाद करने के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है। गुप्ता ने राज्यपाल को पत्र लिखकर उन्होंने इसकी गहन जांच करवाने की मांग की, ताकि इन तीन बिल्डिंगों के निर्माण में पैसे की बंदरबाट करने वाले लोगों की पहचान हो सके और उन पर कार्रवाई की जा सके।
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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी