Bihar

तटबंधों की सुरक्षा के लिए संवेदनशील स्थलों का निरंतर निरीक्षण किया जाए : विजय कुमार चौधरी

बाढ़ संघर्षात्मक कार्य एवं पूर्ववर्ती अनुभवों से सीख” विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर मंत्री विजय चौधरी्र

-बाढ़ संघर्षात्मक कार्य एवं पूर्ववर्ती अनुभवों से सीख” विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

पटना,28 मई (Udaipur Kiran) ।

जल संसाधन विभाग द्वारा “बाढ़ संघर्षात्मक कार्य एवं पूर्ववर्ती अनुभवों से सीख” विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ बुधवार को पटना स्थित ज्ञान भवन में हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस मौके पर जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि तटबंधों की सुरक्षा के लिए संवेदनशील स्थलों का निरंतर निरीक्षण किया जाए, ऐसा कोई भी बिंदु शेष न रहे, जहां विभागीय अधिकारी न पहुंचे हों।

मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि बाढ़ जैसे चुनौतीपूर्ण विषय पर इस प्रकार का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करना अत्यंत सराहनीय कार्य है। इस तरह के कार्यक्रम की अपनी महत्ता और प्रांसगिकता होती है। बीते दिन ही विभिन्न बाढ़ परिक्षेत्रों की योजानाओं की समीक्षा हुई थी। मॉनसून काल विभाग के लिए परीक्षा की घड़ी है, इसमें सभी अधिकारी पूर्ण निष्ठा और सजगता के साथ कार्य करें।

विजय चौधरी ने कहा कि बाढ़ जैसी आपदा के समय में सामुदायिक प्रयास की सबसे अधिक आवश्यकता होती है और इसके लिए जन-विश्वास होना जरूरी है। साथ ही विभाग के अधिकारी के साथ ही स्थानीय लोगों का प्रयास आवश्यक हो जाता है। उन्होंने कहा कि स्थानीय जनता के साथ विश्वासपूर्ण संबंध बनाने का काम, समय से पूर्व स्थल निरीक्षण और तत्पर कार्यशैली से ही अर्जित किया जा सकता है। तटबंधों की नियमित निगरानी और बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों को लेकर आपकी सजगता से स्थानीय लोगों में आपके काम के प्रति विश्वास कायम होगा। इस बार मॉनसून से पूर्व सभी कार्यों को गुणवत्तापूर्ण ढंग से निर्धारित समय से पहले पूरा किया जाए।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि तटबंधों की सुरक्षा के लिए संवेदनशील स्थलों का निरंतर निरीक्षण किया जाए और सभी अधिकारी अपने-अपने स्तर पर नियमित निरीक्षण करते रहें, ताकि ज्यादातर समस्याओं का समाधान पहले ही सुनिश्चित हो सके।

कार्यक्रम के पहले दिन वीरपुर, कटिहार एवं समस्तीपुर प्रक्षेत्र के तकरीबन 550 अभियंताओं को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम के दौरान बाढ़ नियंत्रण से संबंधित एसओपी, आदेश, गश्ती निर्देशिका, बाढ़ सामग्री की उपलब्धता, पूर्व-तैयारी एवं बाढ़कालीन रणनीतियों, तटबंधों की सुरक्षा हेतु टीम निर्माण, गैर-संरचनात्मक उपायों तथा विश्व बैंक द्वारा सुझाए गए बाढ़ प्रबंधन अनुभवों पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।

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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी

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