पटना, 02 मई (Udaipur Kiran) । संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने आज पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जाति आधारित जनगणना के फैसले का श्रेय लेने के लिए राजद और कांग्रेस नेता बेचैन एवं बदहवास दिख रहे हैं।
विजय चौधरी ने कहा कि शुरुआत में 2019 एवं 2020 में बिहार विधानसभा में दो बार सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर केंद्र से 2021 की जनगणना जातिगत आधार पर कराने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया गया था। उस समय सरकार एन.डी.ए. की थी, फिर जब विधानसभा का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से इस हेतु मिला, उस समय भी एन.डी.ए. की ही सरकार थी। जब जून 2022 में सरकार ने मंत्रिपरिषद् से निर्णय लेकर अधिसूचना जारी की गई, उस समय भी सरकार एन.डी.ए. की ही थी, फिर राजद एवं कांग्रेस किस मुंह से श्रेय लेना चाह रहे हैं।
मंत्री चौधरी ने कहा कि 2004 से 2014 तक केंद्र में यू.पी.ए. सरकार थी तो क्यों नहीं 2011 में जाति आधारित जनगणना कराने का निर्णय लिया ? दूसरी तरफ, राहुल गांधी यह भी नहीं समझते कि बिहार सरकार ने जितने सटीक एवं प्रामाणिक तरीके से जाति गणना करायी, उसके सामने तेलंगाना की पद्धति की विश्वसनीयता कहीं नहीं टिक पाती। पूरा देश इस तथ्य से परिचित है। राजद एवं कांग्रेसी नेताओं को किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी
