Uttar Pradesh

बच्चों को तराशने में विद्या भारती की महत्वपूर्ण भूमिकाः डॉ वीके कश्यप

सम्मानित बच्चे व अभिभावक

–मनुष्य के जीवन का लक्ष्य सफलता नहीं बल्कि सार्थकता होनी चाहिए : सुनील–ज्वाला देवी में हुआ बोर्ड परीक्षा प्रतिभा अलंकरण समारोहप्रयागराज, 14 मई (Udaipur Kiran) । प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) शिक्षा प्रसार समिति द्वारा संचालित ज्वाला देवी स0वि0इ0का0 में बोर्ड परीक्षा मेधावी सम्मान समारोह विद्यालय में आयोजित हुआ। जिसमें 90 एवं उसके अधिक प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले लगभग 134 भैया बहनों को सम्मानित किया गया।मुख्य अतिथि डॉ0 वीके कश्यप (रामायण कालीन निषादराज के वंशज) ने कहा कि इस प्रतिभा अलंकरण समारोह में पुरस्कार प्राप्त छात्रों को देखकर यह विचार आता है कि पुरस्कार किसी व्यक्ति के जीवन में उत्साह एवं गति प्रदान करते है यदि इसका प्रारम्भ छात्र जीवन से ही हो जाये तो निश्चित रुप से उसे नित नये कीर्तिमान स्थापित करने से कोई रोक नही सकता। इसके लिए सम्बन्धित संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। संगमनगरी के लिए यह गर्व का विषय है कि विद्या भारती द्वारा संचालित ज्वाला देवी स0वि0म0 इण्टर कॉलेज सिविल लाइन्स निरन्तर ऐसी प्रतिभाओं को तराश रहा जो अपने भावी जीवन में भारत माता के यश में श्रीवृद्धि करेंगे और समाज को सच्ची दिशा प्रदान करने में अपना अपूर्व योगदान प्रदान करेंगे।

विशिष्ट अतिथि प्रदेश निरीक्षक काशी प्रान्त शेषधर द्विवेदी ने कहा कि यह केवल आपकी व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि यह हमारे विद्यालय के उत्कृष्ट शैक्षिक वातावरण और हमारे शिक्षकों के समर्पण का भी परिणाम है।अध्यक्षीय आशीर्वचन में सह प्रान्त प्रचारक सुनील ने कहा कि जीवन में सफलता और सार्थकता दो ऐसे पहलू हैं जिन्हें अक्सर एक ही मान लिया जाता है, जबकि वास्तव में इनमें गहरा अंतर होता है। एक सफल जीवन बाहरी उपलब्धियों और भौतिक सुख-सुविधाओं पर केंद्रित हो सकता है, जबकि एक सार्थक जीवन गहरे आंतरिक संतोष, उद्देश्य और दूसरों के जीवन में सकारात्मक योगदान पर आधारित होता है। जैसे एक व्यक्ति जो दूसरों की निःस्वार्थ भाव से मदद करता है, अपने काम में परोपकार का उद्देश्य ढूंढता है, वह एक सार्थक जीवन जी रहा हो सकता है, भले ही उसके पास बहुत अधिक धन या सामाजिक प्रतिष्ठा न हो। इसी परिकल्पना को साकार करने के लिए विद्या भारती के विद्यालय छात्र को केन्द्र बिन्दु मानकर उसके सर्वागीण विकास का कार्य कर रहें है।

इसके पूर्व मंचस्थ अतिथियों का परिचय एवं सम्मान विद्यालय के प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह परिहार ने कराया। उन्होने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि भैया बहनों ने अपने कठिन परिश्रम व लगन से जिले की मेरिट में तीन स्थानों पर कब्जा जमाते हुये अपना परचम लहराया है। उसके लिये भैया-बहन एवं उनके अभिभावक बधाई के पात्र है।

कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय के कोषाध्यक्ष डॉ0 विनम्र सेन ने अतिथियों, अभिभावकों एवं कार्यक्रम में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े सभी लोगों का आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के आचार्य सन्तोष पाण्डेय ने किया।

(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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बच्चों को तराशने में विद्या भारती की महत्वपूर्ण भूमिकाः डॉ वीके कश्यप

सम्मानित बच्चे व अभिभावक

–मनुष्य के जीवन का लक्ष्य सफलता नहीं बल्कि सार्थकता होनी चाहिए : सुनील–ज्वाला देवी में हुआ बोर्ड परीक्षा प्रतिभा अलंकरण समारोहप्रयागराज, 14 मई (Udaipur Kiran) । प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) शिक्षा प्रसार समिति द्वारा संचालित ज्वाला देवी स0वि0इ0का0 में बोर्ड परीक्षा मेधावी सम्मान समारोह विद्यालय में आयोजित हुआ। जिसमें 90 एवं उसके अधिक प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले लगभग 134 भैया बहनों को सम्मानित किया गया।मुख्य अतिथि डॉ0 वीके कश्यप (रामायण कालीन निषादराज के वंशज) ने कहा कि इस प्रतिभा अलंकरण समारोह में पुरस्कार प्राप्त छात्रों को देखकर यह विचार आता है कि पुरस्कार किसी व्यक्ति के जीवन में उत्साह एवं गति प्रदान करते है यदि इसका प्रारम्भ छात्र जीवन से ही हो जाये तो निश्चित रुप से उसे नित नये कीर्तिमान स्थापित करने से कोई रोक नही सकता। इसके लिए सम्बन्धित संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। संगमनगरी के लिए यह गर्व का विषय है कि विद्या भारती द्वारा संचालित ज्वाला देवी स0वि0म0 इण्टर कॉलेज सिविल लाइन्स निरन्तर ऐसी प्रतिभाओं को तराश रहा जो अपने भावी जीवन में भारत माता के यश में श्रीवृद्धि करेंगे और समाज को सच्ची दिशा प्रदान करने में अपना अपूर्व योगदान प्रदान करेंगे।

विशिष्ट अतिथि प्रदेश निरीक्षक काशी प्रान्त शेषधर द्विवेदी ने कहा कि यह केवल आपकी व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि यह हमारे विद्यालय के उत्कृष्ट शैक्षिक वातावरण और हमारे शिक्षकों के समर्पण का भी परिणाम है।अध्यक्षीय आशीर्वचन में सह प्रान्त प्रचारक सुनील ने कहा कि जीवन में सफलता और सार्थकता दो ऐसे पहलू हैं जिन्हें अक्सर एक ही मान लिया जाता है, जबकि वास्तव में इनमें गहरा अंतर होता है। एक सफल जीवन बाहरी उपलब्धियों और भौतिक सुख-सुविधाओं पर केंद्रित हो सकता है, जबकि एक सार्थक जीवन गहरे आंतरिक संतोष, उद्देश्य और दूसरों के जीवन में सकारात्मक योगदान पर आधारित होता है। जैसे एक व्यक्ति जो दूसरों की निःस्वार्थ भाव से मदद करता है, अपने काम में परोपकार का उद्देश्य ढूंढता है, वह एक सार्थक जीवन जी रहा हो सकता है, भले ही उसके पास बहुत अधिक धन या सामाजिक प्रतिष्ठा न हो। इसी परिकल्पना को साकार करने के लिए विद्या भारती के विद्यालय छात्र को केन्द्र बिन्दु मानकर उसके सर्वागीण विकास का कार्य कर रहें है।

इसके पूर्व मंचस्थ अतिथियों का परिचय एवं सम्मान विद्यालय के प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह परिहार ने कराया। उन्होने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि भैया बहनों ने अपने कठिन परिश्रम व लगन से जिले की मेरिट में तीन स्थानों पर कब्जा जमाते हुये अपना परचम लहराया है। उसके लिये भैया-बहन एवं उनके अभिभावक बधाई के पात्र है।

कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय के कोषाध्यक्ष डॉ0 विनम्र सेन ने अतिथियों, अभिभावकों एवं कार्यक्रम में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े सभी लोगों का आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के आचार्य सन्तोष पाण्डेय ने किया।

(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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