![संविधान की प्रति भेंट करते कुलपति संविधान की प्रति भेंट करते कुलपति](https://hs.sangraha.net/NBImages/3000/2025//01//25/71081f5683bcaa3c48a559ed8a0d8722_301958945.jpg)
कानपुर, 25 जनवरी (Udaipur Kiran) । भारतीय संविधान को बनाने में दो साल ग्यारह महीने और अठारह दिन का समय लगा था। भारतीय संविधान की मूल प्रति हस्तलिखित है जिसे कैलीग्राफी में लिखा गया था। भारतीय संविधान नागरिकों को सिर उठाकर जीने का अधिकार प्रदान करता है। भारतीय संविधान की प्रति विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय में रखी जाएगी। जो हमेशा छात्र छात्राओं के मध्य आकर्षण का केंद्र रहेगी। यह बातें शनिवार को सीएसए के कुलपति डॉ. आनंद कुमार सिंह ने कही।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय के लिए भारतीय संविधान की प्रति सौंपी है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में हजारों विश्व स्तरीय पुस्तकों से युक्त अत्यंत समृद्ध लाइब्रेरी है। जिसमें वर्ष 1841 का जर्नल द जर्नल ऑफ द रॉयल एग्रीकल्चरल सोसाइटी ऑफ इंग्लैंड तथा वर्ष 1887 की द स्पाइसेज ऑफ फाईकस ऑफ़ द इंडो-मलायन एंड चाइनीज कंट्रीज नामक पुरातन पुस्तकें एवं जर्नल उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त सेंसस आफ इंडिया 1872, 1891 एवं 1912 भी है। जबकि उत्तर प्रदेश विधानसभा रिपोर्ट 1960 से 1990 तक पुस्तकालय में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कृषि, डेरी प्रौद्योगिकी, कृषि इंजीनियरिंग, मत्स्य,उद्यान एवं कृषि प्रबंधन की उत्कृष्ट शिक्षा देने के साथ ही विद्यार्थियों को समाज और राष्ट्र के सरोकारों से भी जोड़ने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है इसलिए छात्रों को संविधान और उसके रचयिता बाबा साहब के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
![](https://rajasthankiran.com/wp-content/uploads/2022/09/udaipurkiran-3.png)