भागलपुर, 21 सितंबर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय सेवा योजना तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय भागलपुर द्वारा शनिवार को स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के अवसर पर विशेष आयोजन किया गया।
इस विशेष आयोजन के लिए भारत सरकार के युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा वित्त पोषण एवं निर्देशन तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ था। जिसके आलोक में स्थानीय जनप्रतिनिधि की उपस्थिति में स्वच्छता शपथ, स्वच्छता परिचर्चा एवं स्वच्छता कार्यक्रम किया जाना था। टिल्लाह कोठी स्थित रविंद्र भवन में हुए कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन, कुलगीत, अतिथियों के सम्मान के बाद स्वागत भाषण करते हुए कार्यक्रम समन्वयक डॉक्टर राहुल कुमार ने कहा कि इस वर्ष के स्वच्छता ही सेवा अभियान का विषय है। स्वच्छता का संस्कार और स्वच्छता का स्वभाव अपना कर ही संपूर्ण स्वच्छता के मिशन को पूरा किया जा सकता है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए विधान पार्षद डॉ एन के यादव ने कहा कि स्वभाव और संस्कार दोनों सीखा हुआ गुण है और सीखी हुई गुण और सीखा हुआ क्षमता को किसी भी उम्र के पड़ाव पर सीखा जा सकता है। स्वच्छता एक ऐसा व्यवहार है जो जन्मजात नहीं है बल्कि समाज में रहते हुए हमें सीखना होता है। अध्यक्ष छात्र कल्याण ने कहा कि स्वच्छता कि जागरूकता और स्वच्छता की चेतना के साथ-साथ स्वच्छता के प्रति सामाजिक रूप से क्रियाकलाप भी आवश्यक है। तत्पश्चात अध्यक्ष के रुप में बोलते हुए कुलपति ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए, विकसित भारत 2047 बनाने के लिए, मानव निर्माण के लिए और आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वच्छता, लगनशीलता और आध्यात्मिकता आवश्यक है। उन्होंने अपने अनुभव से विभिन्न देशों का उदाहरण देते हुए बताया कि दूसरे देश विकसित हैं। वहां पर्यटन बहुत बड़े स्तर का व्यवसाय है, क्योंकि वहां स्वच्छता है। उन्होंने गांधीजी और विवेकानंद के उदाहरण से भारत को विश्व गुरु बनने के लिए स्वच्छता को आवश्यक बताया।
कार्यक्रम का संचालन पूरनमल बाजोरिया के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉक्टर शैलेश मिश्रा ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अजीत कुमार, डॉक्टर वरुण टाटी, विश्वविद्यालय के सीनेटर अजय कुमार आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद सभी ने रविंद्र भवन परिसर में झाड़ू चला कर एक क्षेत्र को साफ किया जिससे जन चेतना के रूप में स्वच्छता का प्रसार हो सके। मौके पर विभिन्न महाविद्यालयों के 100 से अधिक वालेंटियर उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / बिजय शंकर