Uttar Pradesh

बाघ पारिस्थितिकी तंत्र को स्वस्थ्य रखने के लिए बेहद जरुरी : डॉ अनिता अग्रवाल

जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल में बाघ संरक्षण पर पेटिंग प्रतियोगिता के प्रतियोगी पुरस्कृत पर्यावरणविद् माइक हरिगोविंद पाण्डेय की फिल्म ‘लुकिंग फॉर सुलतान’ का प्रदर्शन हुआ
जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल में बाघ संरक्षण पर पेटिंग प्रतियोगिता के प्रतियोगी पुरस्कृत पर्यावरणविद् माइक हरिगोविंद पाण्डेय की फिल्म ‘लुकिंग फॉर सुलतान’ का प्रदर्शन हुआ
जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल में बाघ संरक्षण पर पेटिंग प्रतियोगिता के प्रतियोगी पुरस्कृत पर्यावरणविद् माइक हरिगोविंद पाण्डेय की फिल्म ‘लुकिंग फॉर सुलतान’ का प्रदर्शन हुआ

गोरखपुर, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) l बाघ हमारी खाद्य श्रृंखला के शीर्ष पर हैं। शाकाहारी जानवरों का शिकार कर हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को स्वस्थ्य रखने और उसकी विविधता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी संख्या कम हो जाए तो पर्यावरण का संतुलन बिगड़ सकता है। हालांकि भारत में उनकी 6.1 फीसदी वार्षिक की दर से बढ़ोत्तरी पारिस्थितिकी तंत्र की बेहतरी का संकेत है। यही नहीं, बाघ हमारी भारतीय संस्कृति में सदियों से भव्यता, शक्ति, सुंदरता और उग्रता का प्रतीक बन हिंदू पौराणिक कथाओं में देवी दुर्गा के वाहन के रूप में प्रतिष्ठित हैं। हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत अब दुनिया के 70 प्रतिशत से अधिक जंगली बाघों का घर है।

यह विचार हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल ने मंगलवार को विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस एवं अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के उपलक्ष्य में गोयनका पब्लिक स्कूल में पेटिंग प्रतियोगिता एवं फिल्म फॉर ह्युमैनिटी श्रृंखला की कड़ी में रणथभौर में लापता बाघ की कहानी, ‘लुकिंग फॉर सुलतान’ के प्रदर्शन समारोह को संबोधित करते हुए रखे। उन्हाेंने बताया कि साल 2006 में अखिल भारतीय अनुमान के मुताबिक भारत में चाैदह साै ग्यारह बाघ थे लेकिन साल 2023 में यह आंकड़ा छत्तीस साै बयासी बाघ हो गये। इनमें अकेले उत्तर प्रदेश में साल 2014 में जहां एक साै सत्तरह बाघ थे, 2022 में उनकी संख्या बढ़ कर दाे साै पांच हो गई।

उन्होंने छात्रों पृथ्वी को हर भरा रखने का संकल्प दिलाया, कि जब पृथ्वी हरी भरी रहेगी तभी बाघ भी रहेंगे। बाघ बचेंगे तो हम भी बचेंगे। उन्होंने छात्रों पो पौधरोपण करने और प्रतिबंधित पालिथीन का इस्तेमाल न करने की शपथ दिलाई। हेरिटेज ने फिल्म फॉर ह्युमैनिटी श्रृंखला की कड़ी में रणथभौर में लापता बाघ की कहानी, ‘लुकिंग फॉर सुलतान’ का प्रदर्शन किया जिसे छात्रों ने काफी पंसद भी किया। कार्यक्रम में स्कूल की प्रधानाचार्य डॉ संचिता मुखर्जी ने भी छात्रों को विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस एवं अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के प्रति जागरूक किया। हेरिटेज फाउंडेशन की पहल की भी सराहना की। इस दौरान हेरिटेज फाउंडेशन के मनीष चौबे, डॉ रागिनी शाही, राहुल पाण्डेय, साहिल बेरा उपस्थित रहें।

छात्रों ने पेटिंग से मुखर की बाघ संरक्षण की आवाज

बाघ संरक्षण विषय पर पेटिंग प्रतियोगिता में कक्षा छह, सात और आठ के दाे साै पचास के करीब छात्रों ने हिस्सा लिया। इस कड़ी प्रतियोगिता में कक्षा छह के वेदांत राय प्रथम, द्वितीय नैनांश एवं तृतीय अर्नम प्रताप सिंह मिला। इसी तरह सातवीं कक्षा के आयुषी वर्मा, उन्नति मणी और जोहेब अब्बासी को क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार मिला। इसी कड़ी में आठवीं कक्षा के प्रतियोगियों में पवनी सिंघल को प्रथम, मौली पाण्डेय को द्वितीय एवं ऋषभ यादव को तृतीय पुरस्कार मिला।

(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय / शरद चंद्र बाजपेयी / मोहित वर्मा

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