
कानपुर, 24 मार्च (Udaipur Kiran) । जिले में अभी लगभग एक लाख ई-रिक्शा संचालित हो रहे हैं। ई-रिक्शा कोई भी ड्राइवर चला सकता है, लेकिन वेरिफिकेशन जरूर करवाया जाए। पंजीकरण रहित ई-रिक्शा संचालन को टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके रोका जाए। साथ ही रजिस्ट्रेशन कैम्प लगाया जाए। उनके संचालन के लिए रूट निर्धारित किये गये हैं, इसका आईटीएमएस पोर्टल द्वारा डाटा प्राप्त किया जाये। ई-रिक्शों का वाहन सारथी ऐप के माध्यम से वेरिफिकेशन किया जाए। यह निर्देश सोमवार को मंडलायुक्त के विजयेन्द्र पांडियन ने अधिकारियों को दिया।
मंडलायुक्त के विजयेन्द्र पांडियन की अध्यक्षता में कार्यालय में ई-रिक्शा संचालन और जाम से निजात दिलाने के सम्बन्ध में बैठक की गई। बैठक में अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था हरीश चन्दर, अपर आयुक्त रेनू सिंह, नगर आयुक्त सुधीर कुमार, एडीसीपी ट्रैफिक अर्चना सिंह समेत अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
मंडलायुक्त ने कहा कि आईटीएमएस पोर्टल में एक अतिरिक्त कॉलम खोला जाए। ई-रिक्शा के लिए निर्धारित चार जोनों पर कलर आवंटित करके उनका संचालन करवाया जाए। प्रत्येक रूट पर ई-रिक्शा कोटा निर्धारित है, उसी पर चलवाया जाए। उनके रजिस्ट्रेशन हेतु कैम्प ऑफिस व रजिस्ट्रेशन के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए। रिक्शों को खड़ा करने के लिए स्टैंड या जगह निर्धारित कराया जाए। ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन की जांच करने के लिए आरटीओ से एपीआई प्राप्त किया जाए।
पुलिस आयुक्त, नगर आयुक्त, पुलिस उपायुक्त व आरटीओ व अन्य सम्बन्धित अधिकारियों एवं वेन्डर (ई-रिक्शा मैनेजमेंट) के साथ एक बैठक का आयोजन किया जाए। वाहन सारथी ऐप के माध्यम से वेरीफिकेशन किया जाए। एक क्यूआर कोड बनाया गया है। जिसके जरिए ई-रिक्शा के उनके निर्धारित रूट पर चलने या ना चलने की पहचान की जा सकेगी ।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
