धर्मशाला, 08 अप्रैल (Udaipur Kiran) । प्रदेश के कांगड़ा, ऊना व हमीरपुर सहित अन्य जिलों से 120 से अधिक व्हीकल फ्रॉड गिरोह में दिल्ली के एक शातिर के भी शामिल होने की बात सामने आई है। अब पुलिस उक्त आरोपी की धरपक्कड़ के प्रयास में जुट गई है। इससे पहले कांगड़ा देहरा के मास्टर मांइड रत्नेश्वर को पुलिस हिरासत में ले चुकी है। जिसने सभी चोरी की गई गाड़ियों में अपना जीपीएस सिस्टम स्थापित किए हैं। उक्त जीपीएस सिस्टम से ही वाहनों की रिकवरी किए जाने में बड़ी मदद पुलिस को मिल रही है। साथ ही अब तक उक्त मामले में दो आरोपी पुलिस की हिरासत में है, जबकि अब तीसरे दिल्ली के रहने वाले आरोपी को भी अहम सुराग पुलिस के हाथ लगे हैं। अब तीसरे आरोपी के पुलिस के हाथ आने पर मामले में कई ओर अधिक खुलासे हो सकेंगे, और अन्य गाडिय़ों को भी रिकवर किए जाने के संदर्भ में भी जांच आगे बढ़ पाएगी।
उक्त शातिरों ने हिमाचल के विभिन्न जिलों से बंटी और बबली स्टाईल में चोरी करने की हरकत की है। जिसमें जिला कांगड़ा में ही छह से सात मामले दर्ज होने के बाद अब 20 से अधिक वाहनों को रिकवर भी किया जा चुका है। मामले में गिरोह के मुख्य शातिरों में शुमार जालंधर के आरोपी अवतार सिंह मल्ली को कांगड़ा पुलिस विभाग के तहत नगरोटा बगवां पुलिस ने हिरासत में लिया है। जिसे न्यायालय की ओर से पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। इससे पहले देहरा के रत्नेश्वर को भी पकड़ा जा चुका है, जोकि न्यायिक हिरासत में चल रहा है। अब बड़े व लग्जरी स्तर के वाहनों के चोर गिरोह के अन्य आरोपियों तक पहुंचने में जुट गई है। अब तक पकड़े गए दो आरोपियों से मिले सुराग के तहत धर्मशाला के पांच, भवारना के छह, खुडिय़ां के छह, बैजनाथ से एक, नगरोटा बगवां से दो व जिला ऊना पुलिस की ओर से आठ वाहनों को रिकवर किया गया है।
पुलिस विभाग की ओर से अब तक 120 वाहनों से 28 के करीब वाहनों की रिकवरी की जा चुकी है, जबकि अन्य को लेकर भी जांच पड़ताल तेज़ कर दी गई है।
उधर, पुलिस अधीक्षक कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि अभी तक दो आरोपियों को हिरासत में लिया गया है, जिसमें कांगड़ा के ही 20 से अधिक वाहन बरामद कर लिए गए हैं। जबकि शेष वाहनों की खोज को लेकर जांच चल रही है। इसमें एक शातिर के दिल्ली के होने की सूचना मिली है, जिसकी धरपकड़ के प्रयास चल रहे हैं।
ऐसे दिया था वारदात को अंजाम
वाहनों के ठग गिरोह ने हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में जाल बिछाकर कई लोगों को ठगी का शिकार बनाया था। इसमें लोगों को वाहनों को बाहरी राज्यों में सरकारी विभागों व नामी कंपनियों में लगाए जाने के नाम का झांसा देकर वाहन खरीदने का लालच दिया जाता, जिसकी एवज में प्रतिमाह बड़ी राशि प्रदान करने की बात कही जाती थी। जिसके बाद टेंपरेरी नंबर लगने के बाद गाड़ी लेकर शातिर फूर्र हो जाते थे, और फ्रॉड नंबरों से दूसरे राज्यों में गाड़ियों विभिन्न लोगों को बेचकर चलती भी रहती थी। उक्त मामले में भी क्रिप्टो करेंसी की तर्ज पर वाहन लगाकर हर माह पैसे प्राप्त करने के चक्कर में निचले हिमाचल के 120 से अधिक लोगों ने बड़े वाहन लोन पर खरीद भी लिए, जोकि चोर गिरोह की ओर से बनाई गई जाली कंपनी की ओर से टेपरेंरी नंबर पर ही बाहरी राज्यों में पहुुंचा दी गई। इसके बाद मामले सामने आने के बाद विभिन्न जिलों में इस तरह से वाहन चोरी होने की शिकायत लेकर लोग पुलिस थाने पहुंचे। इसके बाद लंबे समय से गायब चले रहे वाहनों को पुलिस ढूंढ रही थी, जिसमें एक वाहन पंजाब के एक नेता के काफिले से बरामद हुआ था। कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पुलिस ने यह वाहन संबंधित वाहन मालिक को सौंपने की प्रक्रिया चलाई हुई है। कांगड़ा पुलिस जिले के विभिन्न पुलिस थानों में वाहन गायब होने के मामले में सात विभिन्न एफआईआर दर्ज कर चुकी है।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया
