

जयपुर, 6 मार्च (Udaipur Kiran) । अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में जवाहर कला केंद्र (जेकेके) द्वारा आयोजित ‘वसुधा महोत्सव’ का गुरुवार को शुभारंभ हुआ। जेकेके की अतिरिक्त महानिदेशक अलका मीणा ने महिला चित्रकार शिविर में दीप प्रज्वलन कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। अलका मीणा ने कहा कि महिला कलाकारों को मंच देने के उद्देश्य से वसुधा महोत्सव के तहत गायन, नृत्य, नाट्य प्रस्तुति, चित्रकला शिविर और विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान वसुधा के अंतर्गत आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के प्रशिक्षकों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर केन्द्र की वरिष्ठ लेखाधिकारी बिंदु भोभरिया समेत अन्य अधिकारीगण व कलाकार मौजूद रहे।
शिविर और कार्यशाला में हुनर को मिल रही पहचान
अलंकार गैलेरी में डॉ. तनुजा सिंह के क्यूरेशन में ‘महिला चित्रकार शिविर’ आयोजित किया जा रहा है, जिसमें राजस्थान की 15 प्रसिद्ध महिला चित्रकार अपनी कल्पनाओं को कैनवास पर उकेरेंगी। इनमें सोनल जैन, अर्चना राज, कृष्णा महावर, शीतल चितलांगिया, उज्ज्वला एम. तिवारी, बीना जैन, दिव्या सुथार, मणि भारतीय, रूकैया खानम, तस्लीम सोना जमाल, रेणु शाही, अन्नपूर्णा शुक्ला, संगीता सिंह, मनीषा प्रजापत, ममता रोकना शामिल है। इसके अलावा, अनुपमा तिवारी के निर्देशन में हो रही फ्लावर मेकिंग वर्कशॉप में 15 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है।
संवाद प्रवाह में रखे विचार
इसी कड़ी में हुए संवाद प्रवाह में संस्कृतिकर्मी और आर्च अकादमी ऑफ आर्किटेक्चर
की निदेशक अर्चना सुराना और पद्मश्री अलंकृत कालबेलिया नृत्यांगना गुलाबो सपेरा ने ‘भारतीय कला-संस्कृति में महिला कलाकारों की भूमिका एवं योगदान’, ‘एआई का प्रभाव और चुनौतियां’, ‘महिला कलाकारों की सामाजिक सुरक्षा’, ‘महिला कलाकारों की भूमिका, विवाह पूर्व और विवाह पश्चात’ विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। अर्चना सुराना ने एआई की भूमिका और उससे जुड़े संभावित खतरों पर बात करते हुए कहा कि यह हमारे लिए कोई खतरा नहीं है, बल्कि हमारे काम को आसान और अधिक पेशेवर बनाने के लिए है। उन्होंने महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने पर जोर देते हुए कहा कि हर महिला को अपनी काबिलियत साबित करने के लिए आत्मनिर्भर होना चाहिए। वहीं, गुलाबो सपेरा ने महिला कलाकारों की सुरक्षा पर अपने विचार रखते हुए कहा कि विश्वास और आस्था ही सफलता की कुंजी हैं। हर महिला को अपनी गरिमा बनाए रखते हुए, अपने काम के प्रति समर्पित और केंद्रित रहना चाहिए ताकि वह अपनी प्रतिभा को बेहतर तरीके से प्रदर्शित कर सके। यह संवाद रचना पारीक द्वारा संचालित किया गया।
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(Udaipur Kiran)
