
कानपुर,17फरवरी (Udaipur Kiran) । भारत में वसंत एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। पूर्णतः शास्त्रीय आधार पर आयोजित इस नृत्य, संगीत, कला व कविता के अभिनव सहमेल में कॉलेज के छात्रों ने बढ़-चढ़कर अपनी प्रतिभा का सुन्दर प्रदर्शन किया। यह बातें सोमवार को कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सूजी जोसफ ने क्राइस्ट चर्च कॉलेज के सर्वपल्ली राधाकृष्णन सभागार में हिन्दी विभाग के विविधवर्णी आयोजन वासंतिक के दौरान कही।
उन्होंने बताया कि वासंतिक की शुरुआत वाद्य वृंद की राग यमन पर सामूहिक प्रस्तुति के साथ हुई और फिर महाप्राण निराला द्वारा रचित ‘वर दे वीणावादिनी’ के गान व नृत्य प्रस्तुति ने वसन्त की आभा बिखेर दी।
इसी क्रम में ‘देव’ की कविता का पाठ अर्जित द्वारा, वसन्त से संबंधित विविध गीत, कथक नृत्य, सबद गान ने पूरे वातावरण को रागमय, अनुरागमय और रंगमय बना दिया। शास्त्रीय गायन में पारंगत अंकित श्रीवास्तव (पूर्व छात्र) ने वसन्त ऋतु पर अत्यंत सुन्दर प्रस्तुतियां दीं। साथ ही राहिल अहमद, सुप्रिया दास, तनिष्का वाजपेई और अनाया ने भी बसंत की बहार को गीतों द्वारा उकेरा।
विशिष्ट अतिथि प्रो. श्वेता चंद ने बताया कि उपस्थित सभी छात्र छात्राओं ने उत्साहवर्धन के साथ साथ उनको शुभकामनायें दी।वसंत के सांस्कृतिक एवं लौकिक पक्ष की भी चर्चा की। उन्होंने बच्चों के संस्कृतिक अभिनय की भी खूब प्रशंसा की।
विभाग की मीत कमल ने भी सबद गायन प्रस्तुत कर वसंत का प्रभाव द्विगुणित किया। कथक के शास्त्रीय पारंपरिक नृत्य की मोहक प्रस्तुति अभिज्ञा चतुर्वेदी (पूर्व छात्रा) और अनया मिश्र ने दी तथा तन्वी, उर्वशी, साक्षी, शाल्वी, चहक, सृष्टि ने शास्त्रीय नृत्य की मोहक प्रस्तुतियों द्वारा सभी को प्रभावित किया।
वादन में राग यमन और राग हंसध्वनि तबले पर उदित, बांसुरी पर हर्षित, हारमोनियम पर राहिल और ढफली पर शरद ने प्रस्तुत कर वसन्त का मधुर समां बांध दिया।
अध्यक्षीय भाषण कॉलेज के प्राचार्य प्रो. जोसेफ डेनियल द्वारा प्रदान किया गया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभाशीष देते हुए महाविद्यालय में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की महत्ता और इनमें प्रतिभागिता का महत्त्व छात्रों को समझाया।
(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद
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