
रांची, 11 मई (Udaipur Kiran) । वनवासी कल्याण केंद्र के राज्य संयोजक संदीप उरांव ने कहा कि जनजातीय समाज को ध्यान में रख कर झारखंड अलग राज्य बना है। उन्होंने कहा कि 1996 में एक कानून बना है। इसके तहत जनजाति सामाज के जल, जंगल और जमीन की रक्षा करने का अधिकार दिया है।
उरांव रांची प्रेस क्लब में रविवार को प्रेस वार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत जनजाति समाज की सभ्यता और संस्कृति को ध्यान में रखकर विकास करना, उसके धार्मिक व्यवस्था के तहत शासन और प्रशासन का नियंत्रण करना है। लेकिन झारखंड में अब तक इस कानून को लागू नहीं किया गया है। वनवासी कल्याण केंद्र राज्य सरकार से मांग करती कि जल्द हो पेसा कानून लागू करें।
उरांव ने कहा कि 2024 में कल्याण आश्रम ने पेसा कानून को लेकर एक ड्राफ्टिंग की गई थी। इसको लेकर सभी का मांग है कि जो ड्राफ्ट तैयार हुआ है, उसे झारखंड सरकार कैबिनेट में लाकर उसे पास करके राज्यपाल के पास भेजा जाए। इसके साथ ही संदीप उरांव ने कहा कि इस कानून को वैसे लागू किया जाए, जिस तरह से 1996 की गैजेट में पास किया गया है।
उन्होंने कहा कि झारखंड में पेसा कानून लागू करने की मांग वनवासी कल्याण केंद्र लगातार कर रही है। वनवासी कल्याण केंद्र देश भर में 1952 से जनजाति समाज के विकास के लिए काम कर रही है।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
