देहरादून, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड राज्य में इन दिनों दरकते पहाड़, गिरती चट्टान, भूस्खलन, धंसती सड़क व नदियों का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। प्रदेश में भारी बारिश की वजह से पहाड़ से लेकर मैदान तक स्थिति भयावह है। चारधाम यात्रा भी प्रभावित हुई है। ऐसे में मौसम विभाग ने राज्य सरकार के अधिकारियों को लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक कार्रवाई करने की सलाह दी है। संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी सतर्क रहने को कहा है।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. विक्रम सिंह ने कहा है कि राज्य में चारधाम या अन्य स्थानों की यात्रा करने वाले यात्री सतर्क रहें। आवश्यक न हो तो आवागमन करने से बचें। उन्होंने पांच दिन का पूर्वानुमान जारी किया है। 2 अगस्त तक प्रदेश के अलग—अलग जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट और 3 व 4 अगस्त को भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने गर्जन के साथ आकाशीय बिजली भी चमकने का अनुमान जताया है।
इन जिलों में 2 अगस्त तक बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट
मौसम विभाग ने 31 जुलाई को टिहरी गढ़वाल, देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, चंपावत, नैनीताल, उधमसिंह नगर, हरिद्वार में भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं 1 अगस्त को चमोली, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल, उधमसिंह नगर में तो 2 अगस्त को उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर में भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। राज्य में हवाई, रेल, सड़क परिवहन समेत सामुदायिक सेवाएं प्रभावित होने की संभावना संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन एवं चट्टान गिरने व बाढ़ के कारण सड़कों, राजमार्गों व पुलों का बह जाने से मार्ग अवरुद्ध होने की संभावना है। सामुदायिक सेवाएं जैसे बिजली, पानी आदि कहीं—कहीं प्रभावित रहेंगे। कुछ दिनों के लिए कहीं कहीं आपूर्ति और परिवहन प्रभावित रहेगा। कहीं बिजली गिरने से जान-माल की हानि हो सकती है। लगातार भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है। जलप्रवाह में अचानक वृद्धि हो सकती है। कच्चे मकानों, सड़कों, दीवारों, झोपड़ियों और निर्माणाधीन भवनों, पुलों, सुरंगों आदि संवेदनशील ढांचों को क्षति पहुंचने की घटनाएं हो सकती हैं। निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति, फिसलन भरी सड़कों और कम बादलों के कारण ड्राइविंग की कठिन स्थिति की वजह से यात्रा समय में थोड़ी वृद्धि होने के आसार हैं।
फसल की गुणवत्ता पर पड़ सकता है असर
बागवानी कृषि फसल जैसे चावल, मक्का, बाजरा, सेम, चना आदि और पौधे व अनाज की गुणवत्ता को मामूली नुकसान हो सकता है। हवाई अड्डों से उड़ान प्रभावित हो सकती है। रेल परिचालन प्रभावित हो सकता है। जिला मुख्यालय, निजी और सरकारी संस्थान, स्कूल, अस्पताल, तीर्थ स्थल-पर्यटन स्थल भारी बारिश से प्रभावित हो सकते हैं।
संवेदनशील पहाड़ी इलाके और खड़ी ढलानों पर जाने से बचें
मौसम विभाग ने राज्य सरकार के अधिकारियों को लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक कार्रवाई करने की सलाह दी है। भूस्खलन की आशंका वाले संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। राज्य में चारधाम या अन्य स्थानों की यात्रा करने वाले यात्री सतर्क रहें। आवश्यक न हो तो आवागमन करने से बचें। पर्वतारोहण अभियान, सर्द व गीली स्थितियों के लिए एहतियात बरतें। वाहन से यात्रा करने वालों को सतर्क रहने की जरूरत है। अपडेट के लिए मीडिया रिपोर्टों की निगरानी करें। मौसम के पूर्वानुमान जानें। गर्जन व आकाशीय बिजली चमकने के समय लोग सुरक्षित स्थान पर शरण लें। संवेदनशील पहाड़ी इलाके और खड़ी ढलानों पर जाने से बचें। बाढ़ वाले क्षेत्र से गुजरने की कोशिश न करें। उफनती नदियों में तैरने या नौका विहार करने न जाएं। दूर-दराज के क्षेत्रों में भूस्खलन, फ्लैश फ्लड की चपेट में आने वाले सैन्य और अन्य प्रतिष्ठान—चौकियों को सतर्क रहना होगा। भारी वर्षा की अवधि में घरों, भवनों, पुलों, बांधों, सुरंगों आदि की निर्माण गतिविधियों को रोका जा सकता है। किसानों को खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने की सलाह दी। किसान कटी हुई उपज को सुरक्षित और सूखी जगह पर रखें।
(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण कुमार सक्सैना