– 54 देशों के 300 प्रतिनिधियों ने दिखाई आयुष में दिलचस्पीदेहरादून, 15 दिसंबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड ने विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो 2024 के दसवें संस्करण में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। चार दिवसीय आयोजन में 12 हजार से अधिक प्रतिनिधियाें के पंजीकरण ने इस आयोजन के इतिहास में नया कीर्तिमान स्थापित किया। इसके साथ ही 54 देशों के 300 विदेशी प्रतिनिधियों ने भागीदारी कर इस कार्यक्रम को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाई दी।
आयुष भूमि का आकर्षण बना उत्तराखंडआयुष के क्षेत्र में समृद्धि और महत्व के कारण उत्तराखंड इस आयोजन के लिए आदर्श स्थल साबित हुआ। यहां के प्राकृतिक संसाधनों और औषधीय पौधों के समृद्ध भंडार ने देश-विदेश से आए डेलीगेट्स को आकर्षित किया। आयोजन के दौरान आयुर्वेद और आयुष से जुड़ी नई संभावनाओं और समाधानों पर गहन चर्चा हुई।मुख्यमंत्री ने जताया आभार, प्रकट की प्रतिबद्धतामुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस ऐतिहासिक आयोजन की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हम उत्तराखंड में आयोजित विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के लिए देश-विदेश से आए सभी डेलीगेट्स के प्रति आभारी हैं। इस आयोजन में हुए विचार-विमर्श के दूरगामी परिणाम होंगे, जो आयुष के विकास के साथ आम जन को भी लाभ पहुंचाएंगे। उत्तराखंड आयुष भूमि के रूप में अपनी पहचान और मजबूत करेगा।
ऐतिहासिक आंकड़े और भागीदारी- इस आयोजन में अब तक का सबसे बड़ा पंजीकरण हुआ, जिसमें 12 हजार डेलीगेट्स शामिल रहे।- 54 देशों के 300 विदेशी प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया।- पिछले वर्ष गोवा में हुए आयोजन में 5102 डेलीगेट्स शामिल हुए थे।- 2002 में कोच्चि में हुए पहले संस्करण में केवल 1800 डेलीगेट्स पंजीकृत हुए थे।
आयुष पर हुई गहन चर्चाआयुष विभाग के अपर सचिव डॉ. विजय जोगदंडे ने बताया कि आयोजन के दौरान आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा और आयुष से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा हुई। साथ ही, भविष्य की संभावनाओं और चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
उत्तराखंड बना ग्लोबल हबइस आयोजन ने उत्तराखंड को न केवल राष्ट्रीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी आयुर्वेद के हब के रूप में स्थापित किया है। देश-विदेश से आए डेलीगेट्स ने इस पहाड़ी राज्य की समृद्ध परंपराओं और आयुष प्रणाली में रुचि दिखाई, जिससे यह आयोजन भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित हुआ।
(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण