
– सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों की मांग काे नकारा: गणेश गाेदियाल
देहरादून, 27 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड के पंचायत प्रतिनिधि सरकार के फैसले को लेकर निराश हैं। उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों के संघर्ष और स्थिति को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है। बिना किसी गंभीर बातचीत के सीधे प्रशासकों की नियुक्ति की जा रही है। कई पंचायत प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि वे इस फैसले के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर सकते हैं।
दरअसल, कोविड-19 महामारी के कारण पंचायतों के कार्यकाल में आए व्यवधानों के मद्देनजर पंचायत प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार से अपने कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन राज्य सरकार ने इसे खारिज कर दिया है। सरकार का कहना है कि पंचायतों के प्रशासन में स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रशासकों की नियुक्ति की गई है और चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी नहीं होगी।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि कोविड-19 के प्रभाव से पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बुरी तरह प्रभावित हुआ था। योजनाओं और विकास कार्यों में अड़चनें आईं, जिससे कई महत्वपूर्ण कार्य अधूरे रह गए। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि उन्हें अपने कार्यों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय मिलना चाहिए था और सरकार को उनके संघर्ष और स्थिति को समझकर सहानुभूति दिखानी चाहिए थी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला आगामी पंचायत चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है। खासकर उन क्षेत्रों में जहां पंचायत प्रतिनिधियों की जनता के बीच मजबूत पकड़ है, यह मुद्दा सरकार के लिए चुनौती बन सकता है।
(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण
