Uttrakhand

उत्तराखंड बजट सत्र: विस अध्यक्ष ने पढ़ा राज्यपाल का अभिभाषण

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतू भूषण खंडूडी।

-विधानसभा की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित-भू-कानून सहित सभी संकल्पों पर कार्य करेंगे: मुख्यमंत्री धामी

देहरादून, 18 फरवरी (Udaipur Kiran) । विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने मंगलवार को भोजनावकाश के बाद राज्यपाल के अभिभाषण को पढ़ा। इसी के साथ सदन की कार्यवाही को बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

मंगलवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) के अभिभाषण के साथ विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ। राज्यपाल के अभीभाषण के दौरान मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और बसपा विधायकों ने हंगामा किया। इस दौरान विपक्षी विधायक वेल में आ गए और नारेबाजी की। दोपहर तीन बजे भोजनावकाश के बाद फिर सत्र की कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान सदन में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने राज्यपाल के अभिभाषण का वाचन किया। इसी के साथ विधानसभा कार्यवाही अगले दिन बुधवार 11 बजे तक के स्थगित कर दी गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्यवासियों के अपेक्षा के अनुसार सरकार कार्य कर रही है। राज्य के अंदर भाजपा सरकार वह सभी कार्य करेगी जो जनभावनाओं के अनुरूप हो। चाहे वह भू-कानून हो या अन्य कानून, सभी संकल्प पर काम करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस के विरोध को दुर्भाग्यपूण बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का अचारण हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है। पक्ष-विपक्ष दोनों मिलकर सदन को ठीक प्रकार से संचालित करें यह दोनों की जिम्मेदारी है। सदन को पूरा राज्य देखता है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सदन की अवधि बढ़ाने की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ सदन के समय को अनावश्यक हल्ला कर बाधित कर रहे हैं। यह समय राज्य के विकास में उपयोग करने का है।

भाजपा सरकार जनहित के मुद्दों पर गंभीर नहीं: नेता प्रतिपक्ष

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार राज्य की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है। पिछले दो साल में अपराध और भष्टाचार चरम पर है। उन्होंने कहा कि लोगों में सरकार के कार्यों को लेकर आक्रोश बना हुआ है। सरकार सदन में चर्चा से भाग रही है। कांग्रेस भू-कानून, स्मार्ट मीटर, भ्रष्टाचार, आपदा, स्वास्थ्य, शिक्षा के मुद्दों पर सदन में चर्चा चाहती है। इन सभी विषयों पर सरकार की घेराबंदी की जाएगी। कांग्रेस की मांग है कि कम से कम 15 दिन का सत्र चले।

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(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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