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जीएसटी में बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण लागू करने वाला उत्तराखंड बना उत्तर भारत का पहला और देश का चौथा राज्य

वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल  शुभारंभ कार्यक्रम में
वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल  बुधवार को रिबन काटकर शुभारंभ करते।

-देश में गुजरात, पांडुचेरी, आंध्र प्रदेश के बाद उत्तराखंड के नाम दर्ज हुई यह उपलब्धि

-वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने किया शुभारंभ

देहरादून, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड के नाम अब एक ओर उपलब्धि जुड़ गई है। उत्तराखंड अब जीएसटी में बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण लागू करने वाला देश का चौथा, जबकि उत्तर भारत का पहला राज्य बन गया है। राज्य के वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बुधवार को रिबन काटकर इसका शुभारंभ किया।

इस माैके पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि नई दिल्ली में आहूत जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक में चरणबद्ध रूप से अखिल भारतीय स्तर पर पंजीकरण आवेदकों के लिए बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण को लागू करने की सिफारिश की गई थी। इस क्रम में उत्तराखण्ड राज्य में बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि देश में बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण लागू करने वाला उत्तराखण्ड देश में चौथा राज्य और उत्तर भारत का पहला राज्य है। इससे पूर्व गुजरात, पुद्दुचेरी व आंध्र प्रदेश में यह व्यवस्था है।

मंत्री ने बताया कि इस व्यवस्था में जीएसटी के अंतर्गत प्रस्तुत ऐसे पंजीयन आवेदन पत्रों, जिन्हें कतिपय जोखिम मानकों और डाटा विश्लेषण के आधार पर पोर्टल पर चिन्हित होगा। इसके सम्बन्ध में दस्तावेज़ों का सत्यापन और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण कमिश्नर की ओर से अधिसूचित जीएसटी सुविधा केंद्र से कराया जाएगा। मंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य में बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण को क्रियान्वित किये जाने के लिए राज्य कर विभाग के प्रत्येक कार्यालय भवन में जीएसटी सुविधा केंद्र स्थापित किया गया है, जिसके माध्यम से दस्तावेज़ों का सत्यापन व बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण सुनिश्चित किया जाएगा।

मंत्री अग्रवाल बताया कि कुछ असामाजिक तत्वों की ओर से जीएसटी में आसान पंजीयन प्रक्रिया का अनुचित लाभ लेते हुए फर्जी पंजीयन प्राप्त किये गए हैं और राजस्व को नुकसान पहुंचाया गया है। बताया कि बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण व्यवस्था के क्रियान्वयन से जीएसटी में पंजीकरण प्रक्रिया बेहतर होगी, जिससे फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर प्राप्त किये जाने वाले पंजीयनों तथा फर्जी इनवॉइस के माध्यम से लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को रोकने में सहायता मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि गुजरात राज्य में बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण व्यवस्था लागू किये जाने के बाद से पंजीयन आवेदन पत्रों में लगभग 55% की कमी दर्ज की गयी है, जो इस बात का द्योतक है कि राज्य में फर्जी पंजीयन आवेदन पत्रों की संख्या कम हुई हैं l यह अनुमानित है कि इस व्यवस्था को लागू किये जाने पर उत्तराखण्ड राज्य में वार्षिक लगभग 100 करोड़ से 150 करोड़ तक के करापवंचन को रोकना संभव हो सकेगा l

प्रदेशभर में हाेंगे 22 जीएसटी सुविधा केंद्र

मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के 22 जीएसटी सुविधा केंद्राें पर 22 राज्यकर अधिकारी, 58 कर्मचारी माैजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर और हल्द्वानी में पांच-पांच सेंटर होंगे।

फर्जी रजिस्ट्रेशन पर लगेगी लगाम

मंत्री ने बताया कि राज्य कर में चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले कुछ तथाकथित लोग अभी तक टेंपो, रिक्शा, ठेली, फड़ वाले आदि लोगों से उनके आधार नंबर व अन्य जानकारी के जरिए फर्जी तरीके से राज्य कर में चोरी करते थे। उन्होंने बताया कि बायोमेट्रिक पंजीकरण के बाद से ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश लग जाएगा। जिससे प्रदेश को स्वच्छ राज्य कर की प्राप्ति हो सकेगी।

इस अवसर पर सचिव वित्त विनोद कुमार सुमन, आयुक्त कर डॉ अहमद इकबाल, अपर आयुक्त आईएस बृजवाल, अपर आयुक्त अनिल सिंह, पीएस डुंगरियाल, संयुक्त आयुक्त प्रवीण गुप्ता, संजीव सोलंकी, अनुराग मिश्रा सहित अन्य विभागीय अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार कुमार सक्सैना

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