देहरादून, 08 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण 67वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में भाग लेकर ऑस्ट्रेलिया दौरे से शुक्रवार को भारत लौट आई हैं। यह सम्मेलन सिडनी के अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित था, जहां उन्होंने विभिन्न देशों के सांसदों के साथ संसदीय लोकतंत्र और शासन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के अध्यक्ष पद के चुनाव में भारतीय क्षेत्र द्वारा समर्थित उम्मीदवार सीपीए जाम्बिया शाखा के सांसद डॉ. क्रिस्टोफर कलिला को नया अध्यक्ष चुना गया। इस ऐतिहासिक चुनाव में भारतीय क्षेत्र की भूमिका पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने इसे भारतीय प्रतिनिधिमंडल के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि और गर्व का विषय बताया।
राष्ट्रमंडल देशों के सांसदों और विधायकों के इस सम्मेलन में एक विशेष परिचर्चा का आयोजन हुआ। यह परिचर्चा “राजनीति में भाग लेने के लिए युवा महिलाओं को कैसे प्रेरित किया जाए” पर थी। परिचर्चा में राष्ट्रमंडल देशों के कुल पांच जनप्रतिनिधि को पांच जन संभाषण के लिए चुना गया, जिसमें ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए सभा को संबोधित किया।
उन्होंने सम्मेलन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सम्मेलन संसदीय लोकतंत्र को सशक्त करने और वैश्विक मंच पर शासन प्रथाओं के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने जानकारी दी कि आगामी 68वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन छह से 13 अक्टूबर 2025 तक बारबाडोस में आयोजित किया जाएगा।
अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए), जिसकी स्थापना 1911 में हुई थी और इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है, सदस्य देशों के बीच संसदीय लोकतंत्र के संवैधानिक, विधायी, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर ज्ञान के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करता है। सीपीए का प्रमुख उद्देश्य सदस्य देशों में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सशक्त करना और सर्वोत्तम शासन प्रथाओं को अपनाने में सहायता प्रदान करना है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का आभार व्यक्त करते हुए ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना उनके लिए अत्यंत गर्व का अनुभव था। एक महिला विधायक के रूप में भारत का अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिनिधित्व कर वे गौरवान्वित महसूस करती हैं। भारत लौटने पर उनके समर्थकों और उत्तराखंड विधानसभा के कर्मियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
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(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण