Uttar Pradesh

दूध के उत्पादन में उत्तर प्रदेश की बादशाहत बरकरार

सांकेतिक फोटो

-पशुपालकों के हित में लगातार कदम उठा रही योगी सरकार

लखनऊ, 08 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । बेसिक एनिमल हसबेंडरी स्टैटिक्स 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार देश में दूध का कुल उत्पादन 239.30 मिलियन टन है। इसमें उत्तर प्रदेश का योगदान सर्वाधिक, करीब 16 फीसद का है। इसके बाद क्रम से राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब का नंबर आता है। इस तरह दूध के उत्पादन में उत्तर प्रदेश की बादशाहत बरकरार है।

इसकी एक बड़ी वजह इस सेक्टर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निजी रुचि और अपने पहले कार्यकाल से ही पशुपालकों के हित में उठाए गए कदम हैं। सरकार प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक पशुपालकों को प्रोत्साहन देने के लिए उनको नंद बाबा और गोकुल पुरस्कार से सम्मानित करती है। पिछले दिनों नस्ल सुधार के जरिए उत्पादन बढ़ाने के लिए ऑस्ट्रेलिया सरकार ने प्रदेश सरकार से सहयोग की इच्छा जताई थी। सरकार नस्ल सुधारने के लिए सेक्स शॉर्टेज तकनीक (इसमें सिर्फ बछिया होने की संभावना 90 फीसद से अधिक होती है) का प्रयोग कर रही है। गोरखपुर में खुलने वाले राजकीय पशु चिकित्सा महाविद्यालय भी नस्ल सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

“सहकारिता से समृद्धि” सहकारिता से समृद्धि सरकार का नारा है। डेयरी सेक्टर में सहकारिता से चमत्कार संभव है। दुनिया का सबसे मजबूत ब्रांड अमूल इसकी मिसाल है। इसलिए इस पर सरकार का खास फोकस है। हाल ही में मुख्यमंत्री के समक्ष प्रादेशिक कॉआपरेटिव डेयरी फेडरेशन (पीसीडीएफ) का प्रस्तुतिकरण हुआ था। इसमें उन्होंने निर्देश दिया था कि दुग्ध संघों में हर स्तर पर जवाबदेही तय करते हुए कार्य के टारगेट तय किये जाएं। दुग्ध संग्रह क्षमता बढ़ाते हुए दूध की गुणवत्ता परीक्षण के कार्यों को बेहतर करने करें। समिति से जुड़े कर्मियों का उचित प्रशिक्षण कराया जाये, उन्हें दूध की गुणवत्ता जांचने वाले जरूरी उपकरण उपलब्ध कराये जाएं और समितियां एक दूसरे से स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा करें। पशुपालकों से संवाद बढ़ाएं। सरकार के इन कदमों से डेयरी संघों की दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि होगी और किसानों की आय भी बढ़ेगी।

पशुपालन से सर्वाधिक लाभअधिकांश पशुपालक कम जोत वाले या भूमिहीन किसान हैं। इनके द्वारा पाले जाने वाले दुधारू पशु इनके लिए एटीएम सरीखे हैं। पशुपालन में हुए किसी भी अच्छे कार्य का बेहतर असर इन पर ही पड़ेगा। यह तबका योगी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपनी पहली कैबिनेट में ही लघु और सीमांत किसानों का एक लाख रुपये तक का ऋण माफ कर वह इसे साबित भी कर चुके हैं। पशुपालन को प्रोत्साहन भी उसकी एक कड़ी है।

सह उत्पादों को भी आर्थिक रूप से उपयोगी बना रही सरकारयोगी सरकार पशुपालकों के अधिकतम हित में दूध के साथ गोबर, गोमूत्र आदि को भी आर्थिक रूप से उपयोगी बना रही है। मुख्यमंत्री का साफ निर्देश है कि गोबर से कम्प्रेस्ड बाॅयो गैस (सीबीजी) प्लाण्ट स्थापित किये जाएं। इसके लिए प्रदेश सरकार भूमि उपलब्ध कराएगी।

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का एक प्रभावी जरिया

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि डेयरी सेक्टर महिलाओं को सशक्त बनाने का प्रभावी जरिया है। सेक्टर में काम करने वाली महिलाओं की संख्या भी सर्वाधिक है। ऐसे में इस सेक्टर से महिलाओं को अधिक से अधिक संख्या में जोड़ने की जरूरत है। कुछ जगहों पर महिलाओं का समूह इस सेक्टर में अनुकरणीय काम भी कर रहा है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी इसका उदाहरण है। आने वाले समय में दुग्ध सहकारी समितियों और दुग्ध संघों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का भी मुख्यमंत्री का साफ निर्देश है।

सुधरेगी जन और जमीन की सेहत

दूध का उत्पादन और प्रति व्यक्ति प्रति ग्राम दूध की उपलब्धता बढ़ने से लोगों की सेहत सुधरेगी। यह लगातार बढ़ भी रही है। 2021 में प्रति व्यक्ति प्रति ग्राम दूध की उपलब्धता 321 ग्राम थी। 2024 में यह बढ़कर 471 ग्राम हो गई। दूध के उत्पादन की सालाना वृद्धि दर 3.78 फीसद है। स्वाभाविक है कि इसमें सर्वाधिक उत्पादन के नाते उत्तर प्रदेश का योगदान भी सर्वाधिक है।

(Udaipur Kiran) / दीपक

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