नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश प्रशासन में जाति के पक्षपात से संबंधित एक आलेख छापने के मामले में पत्रकार ममता त्रिपाठी को राहत दी है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने ममता त्रिपाठी के खिलाफ किसी भी निरोधात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
दरअसल, ममता त्रिपाठी के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार में जाति के पक्षपात से संबंधित छापे गए आलेख पर चार एफआईआर दर्ज की गई हैं। उन सभी एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। ममता त्रिपाठी की तरफ से पेश वकील सिद्धार्थ दवे ने सुनवाई के दौरान कहा कि इसके पहले 4 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार अभिषेक उपाध्याय को अंतरिम राहत दी थी। जस्टिस हृषिकेश राय की अध्यक्षता वाली बेंच ने अभिषेक उपाध्याय के खिलाफ अगले आदेश तक किसी भी निरोधात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोकतांत्रिक देशों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान होता है। संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत पत्रकारों के अधिकारों को सुरक्षा मिली हुई है। किसी पत्रकार के लेख में सरकार की आलोचना समझकर उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज नहीं करना चाहिए।
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम