– नोएडा
सेक्टर 51 मेट्रो
स्टेशन से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-20 तक एक्वा लाइन मेट्रो परियोजना विस्तार
को कैबिनेट की मंजूरी
लखनऊ, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुक्रवार को हुई मंत्री परिषद् की बैठक
में यह निर्णय लिया गया है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो रेल सेवा के एक्वा
लाइन का विस्तार किया जाएगा। सेक्टर 51 मेट्रो
स्टेशन से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-20 तक यातायात को और सुगम बनाने के लिए यह
निर्णय लिया गया है।
वहीं इसके
अलावा प्रदेश के 9 शहरी
विकास प्राधिकरणों के विस्तारीकरण के लिए सीड कैपिटल मुहैया कराने के प्रस्ताव पर
भी योगी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। साथ ही साथ चित्रकूट में 800 मेगावॉट की सौर परियोजना में
ट्रांसमिशन लाइन और सबस्टेशन के लिए धन आंवटन को भी मंजूरी दी गई है। इसके
अतिरिक्त मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत कानपुर विकास प्राधिकरण की
सीमा में 80 गांव को
जोड़ने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट की मुहर लग गई है। यह फैसला कानपुर नगर के विकास
को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
एक्वा
मेट्रो लाइन का होगा विस्तार
कैबिनेट के बादवित्तमंत्री
सुरेश खन्ना ने शुक्रवार को लोकभवन में पत्रकारों को बताया कि नोएडा से ग्रेटर नोएडा
में यातायात को और सुगम बनाने के लिए 17.435 किमी लंबी सेक्टर 51 नोएडा स्टेशन से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज
पार्क 20 तक एक्वा
लाइन मेट्रो परियोजना के विस्तार के संबंध में मंत्रीमंडल द्वारा प्रस्ताव स्वीकृत
किया गया है। इसमें 394 करोड़ रुपये भारत सरकार और 394 करोड़ रुपये राज्य सरकार की ओर से खर्च किये
जाएंगे। राज्य सरकार की ओर से 40 प्रतिशत धनराशि नोएडा और 60 प्रतिशत धनराशि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत की जाएगी।
कानपुर
विकास प्राधिकरण में जुड़ेंगे 80 गांव
वित्तमंत्री
सुरेश खन्ना ने बताया कि मंत्री परिषद् ने कानपुर विकास प्राधिकरण की सीमा में 80 गांव जोड़ने का फैसला लिया है। कानपुर
नगर के विकास को ध्यान में रखते हुए इस प्रस्ताव को स्वीकृत किया गया है। यह फैसला
मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत लिया गया है। वहीं इसके अलावा
प्रदेश के अन्य शहरी क्षेत्रों के विस्तार के लिए 3,000 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया था। इसमें 9 विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद
को भूमि खरीद के लिए 50 प्रतिशत
पैसा दिया जा रहा है। इसके तहत सहारनपुर, मथुरा-वृंदावन, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, लखनऊ, मुरादाबाद, खुर्जा, बांदा एवं मेरठ विकास प्राधिकरण को 14 योजना में सीड कैपिटल के रूप में 4164.16 करोड़ रुपये प्रदान करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया
गया है। इस वित्तीय वर्ष में इसके अंतर्गत 1285 करोड़ रुपए अनुमोदित किया गया है।
यूपी में
बनेगा गारंटी रिडम्प्शन फंड
वित्तमंत्री
ने बताया कि सरकार द्वारा अवस्थापना, सहकारिता और ग्राम विकास जैसे विभागों
को विभिन्न फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से कर्ज उपलब्ध कराया जाता है। केंद्रीय वित्त
आयोग, सीएजी और
कैग की गाइडलाइन्स के अनुसार यूपी में गारंटी रिडम्पशन फंड बनाने का निर्णय लिया
गया है। जिससे कि, कोई भी
विभाग अगर डिफाल्ट होता है तो फंड से भुगतान किया जा सके। देश के 19 राज्यों में इस फंड का प्रावधान है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस फंड के लिए 1,63,399.82 करोड़ रुपए की गारंटी ली है। इस फंड
में 8,170 करोड़
रुपए रखने फैसला लिया जाएगा। साथ ही हर वर्ष बजट में 1,634 करोड़ रुपए का प्राविधान इस फंड के लिए
किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश का कोई भी विभाग डिफाल्ट नहीं है।
एक्स्ट्रा
न्यूट्रल अल्कोहल को जीएसटी से बाहर
सुरेश खन्ना ने बताया
कि सेंट्रल एक्ट में संशोधन के बाद उत्तर प्रदेश में भी जीएसटी में संशोधन का फैसला
मंत्री परिषद् द्वारा किया गया है। इसके तहत एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल को जीएसटी
से निकालकर वैट में डाला गया है। इससे यूपी का राजस्व बढ़ेगा। अबतक एक्स्ट्रा
न्यूट्रल अल्कोहल से 50 फीसदी राजस्व
यूपी को मिलता था, जबकि इस
फैसले के बाद 100 प्रतिशत
राजस्व लाभ मिलेगा। इससे प्रदेश में शराब के दामों में कोई परिवर्तन नहीं आएगा।
620 करोड़ रुपये से सौर ऊर्जा को मिलेगी और ताकत
नगर विकास
और ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने बताया कि बुंदेलखंड सौर ऊर्जा के बहुत बड़े
पोटेंशियल के रूप में उभर कर सामने आया है। वर्तमान में 4 हजार मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं
क्रियान्वयन के अलग-अलग स्तर पर हैं। फिलहाल चित्रकूट में 800 मेगावॉट की परियोजना निर्माणाधीन है।
इससे निकलने वाली ऊर्जा की निकासी भारत सरकार की ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के जरिए की
जाएगी। इसके लिए 400/220 केवी और 500 एमवीए की दो लाइनें बनाई जाएंगी। इनके
लिए मंत्रीपरिषद् से मंजूरी मिल गई है। इसकी लागत 619.90 करोड़ रुपये होगी। इससे सब स्टेशन और ट्रांसमिशन
लाइनें बनाई जाएंगी। भारत सरकार इसमें सहायता दे रही है। इसमें 33 प्रतिशत यानी 204.57 करोड़ रुपये भारत सरकार कैपिटल ग्रांट के रूप में
देगी। वहीं 20 प्रतिशत
यानी 23.98 करोड़ रुपये राज्य सरकार पूंजी इक्विटी के रूप में
लगाएगी। साथ ही 47 प्रतिशत
यानी 291.35 करोड़ रुपये जर्मनी की संस्था केएफडब्ल्यू से लोन
लेकर इसको कार्यान्वित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के
अंतर्गत 4000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्ट भारत सरकार ने
मंजूर किये हैं, जिसके तहत
ये कार्य भी हो रहा है।
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(Udaipur Kiran) / दिलीप शुक्ला