काठमांडू, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) । नेपाल में भूस्खलन की चपेट में आकर तेज बहाव वाले त्रिशुली नदी में दो यात्री बस के डूबने के 32 घंटे बाद भी कोई सुराग नहीं मिल पाया है। शनिवार सुबह से एक बार फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है। शुक्रवार को दिनभर की मशक्कत के बाद भी जब दोनों बसों और लापता 65 यात्रियों का कोई पता नहीं लग पाया तो आज से रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए नई तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। यह हादसा चितवन जिले के नारायणघाट-मुगलिंग मार्ग पर सिमलताल क्षेत्र में हुआ।
रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान संभाल रहे सशस्त्र प्रहरी बल रेस्क्यू टीम के डीआईजी पुरुषोत्तम थापा ने मीडियाकर्मियों को बताया कि आज के रेस्क्यू ऑपरेशन में वाटर ड्रोन और सोनार कैमरे का प्रयोग किया जा रहा है। पानी के भीतर प्रयोग किए जाने वाले वाटर ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ड्रोन के सहारे नदी की गहराइयों तक तो पहुंचा ही जा सकता है साथ ही काफी दूर तक भी ढूंढा जा सकता है। बसों और लापता यात्रियों को ढूंढने के लिए सोनार कैमरे का प्रयोग किया जा रहा है। मोटरबोट के नीचे इस कैमरे को लगाकर पानी में उतारा गया है ताकि पानी के नीचे तक की चीजें बोट पर बैठे रेस्क्यू टीम को स्क्रीन पर दिख जाएं। रेस्क्यू टीम को उम्मीद है कि वाटर ड्रोन और सोनार कैमरे के प्रयोग से बस और यात्रियों का पता लग सकता है।
आज के रेस्क्यू ऑपरेशन में वाटर ड्रोन के अलावा फिर से गोताखर को भी पानी के भीतर उतारा गया है। नेपाली सेना और सशस्त्र प्रहरी बल के 15 गोताखोरों को नदी में उतारा गया है। इसके अलावा डिजास्टर मैनेजमेंट की एक्सपर्ट टीम को भी इस काम में लगाया गया है। रेस्क्यू टीम में नेपाली सेना, सशस्त्र पुलिस बल और नेपाल पुलिस के 150 सदस्य हैं।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / पंकज दास / पवन कुमार श्रीवास्तव